Russia-Ukraine War: रूस का जोरदार पलटवार, US-UK के इन सहयोगी देशों को बड़ा नुकसान
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दुनिया की सभी एयरलाइन कंपनियां ज्यादातर विमान लीज पर लेकर चलाती हैं. रूस की एयरलाइन कंपनियों के पास भी 500 से ज्यादा विमान लीज पर हैं. पश्चिमी देशों के साथ संबंध बिगड़ने के बाद इन विमानों के रूस में ही जब्त हो जाने का खतरा मंडरा रहा है.
यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) को हमला किए 26 दिन होने को हैं और अभी भी जल्द शांति बहाल होने की उम्मीद नहीं दिख रही है. इस हमले के बाद अमेरिका की अगुवाई में पश्चिमी देशों ने रूस के ऊपर कई कड़े प्रतिबंध (Sanctions On Russia) लगाए हैं. कई मल्टीनेशनल कंपनियां रूस में कारोबार समेट चुकी हैं और कई देश अपना आसमान रूस के विमानों के लिए बंद कर चुके हैं. रूस की अर्थव्यवस्था पर इसका काफी बुरा असर हो रहा है, लेकिन कई मोर्चे पर उसे फायदा हुआ है और अमेरिका व ब्रिटेन जैसे देशों को भारी-भरकम नुकसान उठाना पड़ा है. एविएशन सेक्टर भी इन मोर्चों में से एक है.
पुतिन ने दी है इस प्रस्ताव को मंजूरी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) ने हाल ही में एक ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिससे पश्चिमी कंपनियों को काफी नुकसान हो सकता है. इस प्रस्ताव में कहा गया है कि रूस उन कंपनियों की संपत्तियां जब्त कर नेशनलाइज कर दे, जो वहां से कारोबार समेट कर जा रही हैं. रूस की एयरलाइन कंपनियों (Russian Airline Companies) के पास 500 से ज्यादा ऐसे विमान हैं, जो किसी विदेशी कंपनी के हैं और लीज पर ऑपरेट हो रहे हैं. अब विमान लीज पर देने वाली इन कंपनियों के सामने 12 से 15 बिलियन डॉलर तक के नुकसान का खतरा है.
आयरलैंड की इस कंपनी को भारी नुकसान
विमान लीज पर देने वाली सबसे बड़ी कंपनी AerCap को यहां सबसे ज्यादा नुकसान होने वाला है. इस कंपनी के 1000 से ज्यादा विमान करीब 80 देशों में लीज पर चल रहे हैं. इनमें से करीब 150 विमान रूस में हैं. कंसल्टेंसी फर्म ACC Aviation के आंकड़ों के अनुसार, इस कंपनी को अकेले 2.5 बिलियन डॉलर का नुकसान होने वाला है. AerCap की वेबसाइट के अनुसार, Aeroloft, S7 Airlines, Rossiya, Azur Air, Ural Airlines जैसी रूसी विमानन कंपनियां उसकी क्लाइंट हैं. यूरोपीय यूनियन के बैन के बाद AerCap रूसी कंपनियों के साथ कांट्रैक्ट समाप्त करने का ऐलान पहले ही कर चुकी हैं.
रूस में विदेशी कंपनियों के इतने विमान
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