Petrol-Diesel Price: खत्म हुआ राहत का दौर.. 110 दिन बाद पेट्रोल और 137 दिन बाद बढ़े डीजल के दाम
AajTak
Inflation in India: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 80 पैसे प्रति लीटर का इजाफा किया गया है. वहीं, भोजन की थाली पर भी महंगाई की मार पड़ी है. LPG गैस के दामों में भी भारी इजाफा हुआ है. रसोई गैस का सिलेंडर 50 रुपये महंगा होने के साथ अब 949 रुपये 50 पैसे का हो गया है.
Prices Rise in India: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राहत का दौर अब खत्म होता दिख रहा है. देशवासियों पर महंगाई की मार जारी है. एक तरफ जहां दूध का भाव बढ़ा है तो वहीं पेट्रोल और डीजल के दामों में 80 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है. इसके अलावा LPG भी महंगी हुई है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 96 रुपये 21 पैसे हो गई है. वहीं, 137 दिन बाद डीजल के दामों में भी 80 पैसे की बढ़ोतरी की गई है. दिल्ली में अब एक लीटर डीजल की कीमत 87 रुपये 47 पैसे है. बता दें कि दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में 110 दिन बाद बदलाव किया गया है, जबकि डीजल के भाव में 137 दिन बाद फेरबदल हुआ है.
दरअसल, दिवाली के मौके पर 4 नवंबर को केंद्र सरकार ने ईंधन पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty Cut) में कटौती की थी, जिससे पेट्रोल के रेट 5 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल का भाव 10 रुपये प्रति लीटर कम हो गया था. इसके बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 103.97 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था. फिर 2 दिसंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने पेट्रोल पर लगने वाले वैट को लगभग आठ रुपये कम कर दिया था, जिसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल का भाव 86.67 रुपये प्रति लीटर पर टिका था.
भारतीय पेट्रोलियम कंपनियों की ओर अब फिर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 80 पैसे प्रति लीटर का इजाफा किया गया है. वहीं, भोजन की थाली पर भी महंगाई की मार पड़ी है. LPG गैस के दामों में भी भारी इजाफा हुआ है. रसोई गैस का सिलेंडर 50 रुपये महंगा होने के साथ अब 949 रुपये 50 पैसे का हो गया है.
बता दें कि दो दिन पहले ही दूध के दामों में भी 2 रुपये से लेकर 5 रुपये तक का इजाफा हुआ था. भोपाल दुग्ध संघ ने सांची दूध के दाम बढ़ाए थे. गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद से जिसकी आशंका व्यक्त की जा रही थी, वह सही साबित हो गई है.
स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी से मध्यम वर्ग परेशान है. सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के कारण लोग निजी अस्पतालों का रुख करते हैं. महंगे इलाज से बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, लेकिन प्रीमियम पर भारी टैक्स लगता है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में राहत की उम्मीद थी, पर कोई फैसला नहीं हुआ. देखें...