
India Export Lithium Ion Batteries: कभी इस चीज के लिए चीन पर थे निर्भर, अब भारत बनेगा उसका सरताज... दुनिया में बढ़ेगी धमक!
AajTak
Nitin Gadkari ने मंगलवार को सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 64वें सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि जल्द ही भारत में EV ग्रोथ के आंकड़े उत्साह पैदा करने वाले हैं.
दुनिया के तमाम देश अब धीरे-धीरे अपने ट्रांसपोर्टेशन को ई-व्हीकल्स (EV) की तरफ शिफ्ट कर रहे हैं और भारत भी तेजी से इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है. इस ग्रोथ में सबसे अहम रोल निभाता है लिथियम (Lithium), जो एक ऐसा एक ऐसा नॉन फेरस मेटल है, जिसका इस्तेमाल मोबाइल-लैपटॉप समेत इलेक्ट्रिक-व्हीकल के लिए चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है. इस रेअर अर्थ एलिमेंट के लिए फिलहाल भारत दूसरे देशों पर निर्भर है, लेकिन जल्द ही तस्वीर बदलने वाली है. ये हम नहीं, बल्कि खुद केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि भारत जल्द ही लिथियम आयन बैटरी निर्यात (Export) करने की स्थिति में होगा.
'हम जल्द लीथियम आयन बैटरी एक्सपोर्ट करेंगे' जिस चीज के लिए अभी तक भारत मोहताज है, अब उसका सरताज बनने वाला है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 64वें सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि जल्द ही भारत इस स्थिति में पहुंच जाएगा, जबकि हम Lithium Ion Batteries का एक्सपोर्ट करेंगे. उन्होंने कहा कि देश में ईवी ग्रोथ के आंकड़े उत्साहजनक हैं. अगर यही रफ्तार जारी रही, तो साल 2030 तक EV बाजार में 1 करोड़ की बिक्री रिकॉर्ड होगी और ईवी फाइनेंस मार्केट बढ़कर 5 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा.
5 कंपनियों ने शुरू की मैन्युफैक्चरिंग पिछले सप्ताह ब्लूमबर्ग के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि लिथियम-आयन बैटरी की कीमत, जो पहले 150 डॉलर प्रति किलोवाट प्रति घंटा हुआ करती थी, अब घटकर 107-108 डॉलर प्रति किलोवाट प्रति घंटा रह गई है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने बताया था कि देश में पांच कंपनियों ने लिथियम-आयन बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग भी शुरू कर दी है और अगले कुछ सालों में इसकी कीमत घटकर 90 डॉलर प्रति किलोवाट प्रति घंटा रह जाएगी.
गडकरी बोले- मैं पेट्रोल-डीजल के खिलाफ नहीं SIAM के कार्यक्रम में बोलते हुए नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने आगे कहा कि वह पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन लोगों को प्रदूषण से सुरक्षा की जरूरत है. इससे पहले उन्होंने बीते सप्ताह ये भी कहा था कि बहुत जल्द देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए किसी और सब्सिडी (Subsidy) की जरूरत नहीं होगी. पेट्रोल और डीजल वाहनों व इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत बराबर होगी.
चीन को टक्कर देने की तैयारी लिथियम ऑयन बैटरी के मार्केट पर चीन का दबदबा है और दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाली हर 10 लीथियम बैटरी में से 4 का इस्तेमाल चीन (China) में होता है. इसके उत्पादन में भी चीन दूसरों से आगे है. दुनियाभर के लिथियम बैटरी के कुल उत्पादन का 77 फीसदी चीन में होता है. भारत की अगर बात करें तो लिथियम बैटरी का सबसे ज्यादा आयात चीन और हॉन्गकॉन्ग से होता है.
भारत ने वित्त वर्ष 2020-21 में लिथियम ऑयन बैटरी के आयात पर 8,984 करोड़ रुपये खर्च किए थे. इसके अगले साल यानी 2021-22 में भारत ने 13,838 करोड़ रुपये की लिथियम आयन बैटरी इम्पोर्ट की थीं, लेकिन अब देश में ही इसकी मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो चुकी है. यही नहीं देश में लीथियम का एक बड़ा भंडार भी मिल चुका है.

Petrol-Diesel Prices Today: इंटरनेशनल मार्केट में आज कच्चा तेल 70 डॉलर पहुंच गया है. ब्रेंट क्रूड आज 70.00 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि WTI क्रूड 66.71 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं, भारत की बात करें तो सरकारी तेल कंपनियों ने आज (बुधवार), 12 मार्च, 2025 को भी सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर ही रखी हैं.