India-Canada Rift: ट्रूडो को महंगा पड़ेगा पंगा, कनाडा को कभी भी ये सबक सिखा सकता है भारत!
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पिछले साल भारत से कनाडा जाने वाले छात्रों में 60 फीसदी यानी 1.36 लाख पंजाबी छात्र थे. इनमें हर छात्र सालाना फीस के तौर में औसतन 10.47 लाख और गारंटी इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट यानी GIC के लिए करीब 6.28 लाख का फंड इन्वेस्ट करता है.
भारत और कनाडा के बीच गहराते तनाव के बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय छात्रों और देसी मूल के लोगों का कनाडा की अर्थव्यवस्था में भारी योगदान है. 'खालसा वॉक्स' नाम की संस्था की इस चौंकाने वाली रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कनाडा में पढ़ने के लिए पंजाब के स्टूडेंट हर साल 68 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं. इन आंकड़ों को इस आधार पर निकाला गया है कि पंजाबी पेरेंट हर साल औसतन 20 लाख रुपये खर्च करते हैं. स्टूडेंट वीजा प्रोसेसिंग एजेंसियों के मुताबिक करीब 3 लाख 40 हजार पंजाबी छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे हैं.
कनाडा की इकॉनमी में भारतीयों का बड़ा योगदान! इसके अलावा भी वहां रहने वाले भारतीयों का भी कनाडा की इकॉनमी में अच्छी खासी हिस्सेदारी है. एक अनुमान के मुताबिक कनाडा में करीब 20 लाख भारतीय रहते हैं. इनका वहां की इकोनॉमी में सालाना 3 लाख करोड़ का योगदान है. 'रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा' यानी IRCC ने 2022 में 2 लाख 26 हजार 450 वीजा मंजूर किए थे. इनमें से करीब 1.36 लाख वीजा पंजाबी छात्रों के मंजूर हुए थे. ये स्टूडेंट वहां अलग-अलग कोर्सेस में 2 से 3 साल के लिए दाखिला लेते हैं. अब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद इन छात्रों के माता-पिता सबसे ज्यादा चिंतित हैं.
15 साल में 3 गुना बढ़ी पंजाबी छात्रों की तादाद पंजाबी छात्रों के पैरेंट्स के चिंतित होने की वजह भी वाजिब है, क्योंकि एसोसिएशन ऑफ कंसल्टेंट्स फॉर ओवरसीज स्टडीज के मुताबिक 2008 तक केवल 38 हजार पंजाबी छात्र ही वीजा के लिए आवेदन करते थे, जिनमें हाल के बरसों में काफी इजाफा हुआ है. पिछले साल भारत से कनाडा जाने वाले छात्रों में 60 फीसदी यानी 1.36 लाख पंजाबी छात्र थे. इनमें हर छात्र सालाना फीस के तौर में औसतन 10.47 लाख और गारंटी इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट यानी GIC के लिए करीब 6.28 लाख का फंड इन्वेस्ट करता है.
भारत की प्रतिक्रिया स्वाभाविक है! जानकारों का भी मानना है कि भारत का रिएक्शन स्वाभाविक है, क्योंकि पहली बार किसी पश्चिमी देश ने भारत पर इस तरह का आरोप लगाया है. कनाडा के 2022 के जनसंख्या के आंकड़ों के मुताबिक दूसरे देशों से कनाडा जाकर बसने वालों की कुल संख्या में से 19 फीसदी भारतीय होते हैं. इसके अलावा कनाडा में पढ़ रहे विदेशी छात्रों में 40 परसेंट भारतीय हैं. कनाडा में सिखों की बड़ी आबादी है, जो कुल आबादी का 2.1 फीसदी है. वहीं कुल आबादी में 2.3 हिस्सेदारी हिंदुओं की है, जो सिखों से ज्यादा हैं. ऐसे में कनाडा के लिए भारत से लिया गया ये विवाद काफी महंगा पड़ सकता है.
क्योंकि अगर तनाव और बढ़ता है तो भारत अपने लोगों को वापस बुला सकता है. साथ ही छात्रों के लिए कनाडा के दरवाजे बंद हो जाएंगे, जिसके बाद वो दूसरे देश की तरह रुख करेंगे. ऐसे में आर्थिक तौर पर कनाडा को तगड़ा नुकसान हो सकता है, और इसके लिए केवल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जिम्मेदार होंगे.
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Petrol-Diesel Prices Today: इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल के दाम एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं, आज ब्रेंट क्रूड 71.04 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि WTI क्रूड 67.02 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं, भारत की बात करें तो सरकारी तेल कंपनियों ने आज 17 नवंबर, 2024 को भी सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर ही रखी हैं.