How to prevent air pollution: 'जहरीली' हवा से बचे रहने के लिए अपनाएं ये 3 तरीके, एक्सपर्ट ने बताए
AajTak
बढ़ते प्रदूषण से वृद्ध, पुरानी बीमारी वाले, कमजोर लंग्स वाले, बच्चे अधिक प्रभावित होंगे. तो आइए इस प्रदूषण से बचने के लिए क्या उपाय करें, इस बारे में भी जान लीजिए.
दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो साल दर साल बढ़ती जा रही है. यह समस्या खासतौर पर सर्दियों में और त्योहारों के मौसम में अधिक विकट हो जाती है. मंगलवार सुबह AQI 500 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव किया गया है. वहीं लोगों को इससे बचे रहने की सलाह दी जा रही है. इस बढ़ते प्रदूषण से वृद्ध, पुरानी बीमारी वाले, कमजोर लंग्स वाले, बच्चे अधिक प्रभावित होंगे. तो आइए इस प्रदूषण से बचने के लिए एक्सपर्ट का क्या कहना है, यह जान लीजिए.
पानी पिएं और मास्क लगाएं
मेडिकल एक्सपर्ट्स की सलाह है कि जब तक प्रदूषण का स्तर नीचे नहीं आता, तब तक खुले में कम से कम निकलें और पानी पीते रहें. हेपा फिल्टर लगा एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करें.
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता जिस स्तर पर पहुंच चुकी है, उसमें N95 मास्क पहनना बेहद जरूरी हो गया है. क्योंकि N95 और N99 मास्क पीएम 2.5 और पीएम 10 के खिलाफ काफी असरदार हैं और सर्जिकल या कपड़े के मास्क की तुलना में ये बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है.
लगातार एक ही मास्क इस्तेमाल न करते रहें क्योंकि मास्क की फिल्टर करने की ताकत भी लगातार कम होती जाती है. ये ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और हवा में उड़ रहे कार्बनिक पदाथों के कणों को फिल्टर नहीं करने में मुश्किल पैदा कर सकता है इसलिए मास्क को बदलते रहना चाहिए.
प्रदूषण से सबसे ज्यादा जोखिम किन लोगों को?
यदि आपका बच्चा पढ़ना-लिखना पसंद नहीं करता है तो ज्योतिषी प्रवीण मिश्र के उपाय का पालन कर इसे दूर कर सकते हैं. भगवान कृष्ण को मिसरी और तुलसी दल का भोग लगाकर प्रतिदिन बच्चे को खिलाएं. बच्चे के पढ़ाई के स्थान पर हरे रंग की चीजें ज्यादा रखें. बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें. घी का दीपक जला कर आरती करें. भगवान गणेश से प्रार्थना करें.
जेेएनयू के टीचर्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि इससे पहले भी TISS ने मुंबई में इसी तरह की एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें प्रो. पंडित ने हिस्सा लिया था. हालांकि, पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है और यह आरोप है कि सेमिनार में दी गई प्रस्तुतियों का इस्तेमाल कुछ राजनीतिक संगठनों ने प्रवासन के पैटर्न को 'अवैध' साबित करने के लिए किया.
कैंसर ट्रीटमेंट के नाम पर लोगों को इमोशनल कर इकठ्ठा किया चंदा, फिर एक दिन नए फ्लैट की शेयर की तस्वीर
यह दुनिया एक दूसरे के मदद से चलती है. सदियों से इंसानियत की बुनियाद यही रही है. मुश्किल में फंसे इंसान को सहारा देना और उसकी परेशानियों को दूर करना. लेकिन सोचिए, जब इसी इमोशन का इस्तेमाल ठगी के लिए किया जाए तो क्या होगा? इमोशन्स का सहारा लेकर लोगों को धोखा देना.