
GST News: 18 जुलाई से महंगे हो जाएंगे पैक्ड दही और पनीर, इन चीजों पर भी अब लगेगा टैक्स
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सीबीडीटी ने अधिसूचना में कहा कि प्री-पैकेज्ड, प्री-लेबल्ड दही, लस्सी और बटर मिल्क समेत कुछ अन्य उत्पादों पर टैक्स से मिल रही छूट को समाप्त किया जा रहा है. इन सामानों पर 18 जुलाई से पांच फीसदी की दर से जीएसटी लागू हो जाएगा. इनके अलावा बैंक चेक इश्यू करने के लिए लगने वाले शुल्क पर सोमवार से 18 फीसदी जीएसटी लेंगे.
खुदरा (Retail Inflation) और थोक महंगाई (Wholesale Inflation) में थोड़ी नरमी के बाद राहत की उम्मीद कर रहे आम लोगों के लिए बुरी खबर है. अगले सप्ताह यानी सोमवार से पैक्ड दही, पनीर समेत कई चीजें महंगी होने वाली हैं. जीएसटी काउंसिल (GST Council) की हालिया बैठक में पैक्ड दही, लस्सी और छाछ समेत खाने-पीने की कुछ चीजों पर जीएसटी से मिल रही छूट समाप्त करने की सिफारिश की गई थी. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडाइरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBDT) की एक नई अधिसूचना के अनुसार, सोमवार से इस सिफारिश को लागू किया जा रहा है, जिसके कारण पैकेट वाले ब्रांडेड मिल्क प्रोडक्ट (Branded Milk Product) महंगे हो जाएंगे.
बैंक चेक से लेकर इलाज तक होंगे महंगे
सीबीडीटी ने अधिसूचना में कहा कि प्री-पैकेज्ड, प्री-लेबल्ड दही, लस्सी और बटर मिल्क समेत कुछ अन्य उत्पादों पर टैक्स से मिल रही छूट को समाप्त किया जा रहा है. इन सामानों पर 18 जुलाई से पांच फीसदी की दर से जीएसटी लागू हो जाएगा. इनके अलावा बैंक चेक इश्यू करने के लिए लगने वाले शुल्क पर सोमवार से 18 फीसदी जीएसटी लेंगे.आईसीयू के बाहर अस्पतालों के ऐसे कमरे, जिनका किराया एक मरीज के लिए 5000 रुपये रोजाना से ज्यादा है, अब यहां भी जीएसटी देना होगा. एलईडी लाइट, फिक्सचर और एलईडी लैम्प पर अब ज्यादा टैक्स भरना होगा. अभी तक ऐसे सामानों पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी लग रहा था. अब इनके ऊपर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा. स्टेशनरी के सामानों को भी अब 18 फीसदी वाले टैक्स ब्रैकेट में रखा जा रहा है.
पिछले महीने हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में पिछले महीने के आखिर में जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक हुई थी. बैठक में जीएसटी (GST) काउंसिल ने कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों पर माल एवं सेवा कर (GST) लगाने का फैसला किया, जिन्हें अभी तक जीएसटी से छूट मिली हुई थी. इन उत्पादों में प्री-पैकेज्ड और प्री-लेबल्ड दही, लस्सी और छाछ भी शामिल हैं. काउंसिल के इस फैसले का असर अतिरिक्त लागत के रूप में डेयरी कंपनियों (Dairy Companies) पर पड़ेगा और डेयरी कंपनियां इसकी वसूली ग्राहकों से कर सकती हैं. बैठक में काउंसिल ने कहा था, 'अभी तक खाने-पीने की कुछ वैसी खास चीजों, अनाजों आदि को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया था, जो ब्रांडेड नहीं थे. अब यह सुझाव दिया जाता है कि पैकेट वाली दही, लस्सी, बटरमिल्क आदि समेत लीगल मीट्रोलॉजी एक्ट के तहत प्री-पैकेज्ड व प्री-लेबल्ड कैटेगरी में आने वाली खाने-पीने की चीजों पर दी जा रही छूट समाप्त की जाए.'
पांच महीने से हो रहा रिकॉर्ड कलेक्शन

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