GST मुआवजे के 16982 करोड़ अपनी जेब से भरेगी सरकार, निर्मला सीतारमण का ऐलान
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि जीएसटी मुआवजे के 16982 करोड़ रुपये सरकार अपनी जेब से ही भरने वाली है. जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक में ये फैसला लिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि जीएसटी मुआवजे के 16982 करोड़ रुपये सरकार अपनी जेब से ही भरने वाली है. जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक में ये फैसला लिया गया है. लंबे समय से मांग की जा रही थी कि इस मुआवजे का भुगतान किया जाए, लेकिन क्योंकि राशि बड़ी थी, पहले फैसला नहीं लिया गया.
बकाया को लेकर हुआ बड़ा फैसला
अब शनिवार को सरकार ने ये बड़ा कदम उठा लिया है. इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वर्तमान में जो मुआवजा कोष बनाया गया है, उसमें इतनी राशि नहीं है, ऐसे में सरकार अब अपने संसाधनों से ही इसका भुगतान करने जा रही है. आने वाले दिनों में सेस कलेक्शन के जरिए इसकी भरपाई की जाएगी. अब इस एक फैसले से जितना भी बकाया लंबित चल रहा था, वो सब क्लियर हो जाएगा.
क्या महंगा, क्या सस्ता
वैसे जीएसटी की बैठक में कई चीजों पर दाम बढ़ाए और कम भी किए गए हैं. वित्त मंत्री ने बताया है कि सरकार की तरफ से पेंसिंल और शार्पनर पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है. इसी तरह राग पर जीएसटी 18 से कम कर 5 फीसदी कर दिया गया है. इसके अलावा ट्रैकिंग उपकरणों पर भी जीएसटी दर कम की गई है. अब बैठक में तो कई फैसले लिए गए हैं, लेकिन दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को कुछ शिकायतें हैं.
सिसोदिया ने ट्वीट कर लिखा है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में आज पापड़ और कचरी के टैक्स निर्धारण में आई विसंगति को दूर करने की माँग रखी. पापड़ पर 0% GST है लेकिन कचरी को 18% टैक्स की श्रेणी में रख दिया गया है. नमकीन, पास्ता, पिज़्ज़ा ब्रेड, सिंवई आदि पर 5% से 12% टैक्स है तो फिर कचरी पर 18% रखना ग़लत था.
स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी से मध्यम वर्ग परेशान है. सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के कारण लोग निजी अस्पतालों का रुख करते हैं. महंगे इलाज से बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, लेकिन प्रीमियम पर भारी टैक्स लगता है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में राहत की उम्मीद थी, पर कोई फैसला नहीं हुआ. देखें...