
Explainer: MSME नहीं कर सकेंगे नीरव मोदी, माल्या, चोकसी जैसे डिफॉल्ट, दिवाला कानून में होने जा रहे ये बदलाव!
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सरकार ये विधेयक 4 अप्रैल 2021 को इस संबंध में लाए अध्यादेश को कानून में बदलने के लिए लाई है. जानें इस संशोधन से दिवाला कानून में क्या बदलाव होने जा रहा है और इससे किसे-क्या फायदा होने जा रहा है.
वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऋणशोधन और दिवाला संहिता (संधोधन) विधेयक-2021 को लोकसभा में पेश कर दिया है. सरकार ये विधेयक 4 अप्रैल 2021 को इस संबंध में लाए अध्यादेश को कानून में बदलने के लिए लाई है. जानें इस संशोधन से दिवाला कानून में क्या बदलाव होने जा रहा है और इससे किसे-क्या फायदा होने जा रहा है. (Photo : PTI) सबसे पहले ये जानने की जरूरत है कि ऋणशोधन और दिवाला संहिता अधिनियम (दिवाला कानून) है क्या? सरकार ने वर्ष 2016 में इस संहिता को पेश किया था. इसका मकसद बैंकों को बकाया ऋण देने में असमर्थ कॉरपोरेट्स से तेज और समयबद्ध वसूली के लिए व्यवस्था उपलब्ध कराना है. कैसे काम करती है ये प्रक्रिया- (Photo : Getty) ऋणशोधन और दिवाला संहिता (IBC) से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए अलग से कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) और उसके बाद एक अपील ट्रिब्यूनल (NCLAT) का प्रावधान किया गया है. इनके माध्यम से ऋण चुकाने में असमर्थ कॉरपोरेट्स के खिलाफ उसे लोन देने वाली संस्थाएं या बैंक या व्यक्ति NCLT से दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन (कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस-CIRP) कर सकते हैं. इसमें उस कंपनी का किसी के साथ विलय, अधिग्रहण या पुनर्गठन का रास्ता अपनाकर ऋण की वसूली की जाती है. अगर किसी कंपनी के लिए ये रास्ते कारगर साबित नहीं होते तो कंपनी का परिसमापन ( लिक्विडेट) कर दिया जाता है. (Photo : Getty)More Related News

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