Delhi Pollution: हम अलग हैं... दिल्ली में हवा हुई जहरीली, लोगों को याद आया 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' का डायलॉग
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हर बार की तरह इस बार भी दिल्ली की हवा की हालत बेहद खराब हो चुकी है। दिल्ली के कुछ इलाकों का AQI एक हजार के आंकड़े को पार कर चुका है. नतीजा यह है कि लोग ना तो ठीक से घर देख पा रहे हैं, और ना ही सांस ले पा रहे हैं. पूरे दिल्ली में धुंआ और धुंध का असर साफ देखा जा सकता है.
Delhi Air Pollution: हर बार की तरह इस बार भी दिल्ली की हवा की हालत बेहद खराब हो चुकी है. दिल्ली के कुछ इलाकों का AQI 500 के आंकड़े को पार कर चुका है. नतीजा यह है कि लोग ना तो ठीक से घर देख पा रहे हैं, और ना ही सांस ले पा रहे हैं. पूरे दिल्ली में धुंआ और धुंध का असर साफ देखा जा सकता है. इस संकट का असर सोशल मीडिया पर भी दिखने लगा है, जहां लोग मीम्स और पोस्ट के जरिए अपनी परेशानी जाहिर कर रहे हैं.
कुछ मीम्स तो वाकई मजेदार भी हैं. बहुत से लोगों को इस दमघोंटू हवा में शायरी सुझ रही है. किसी ने तस्वीरों के जरिए दिल्ली-NCR के हालात को दिखाने की कोशिश की है. बता दें, कई जगहों पर लोगों ने आंखों में जलन और सांस लेने में भी दिक्कत जैसी गंभीर समस्या का जिक्र किया है. राजधानी दिल्ली में स्कूलों को बंद कर दिया गया है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का पॉल्यूशन अगर सिगरेट स्मोकिंग से तुलना किया जाए, तो यहां की हवा रोज 40 सिगरेट पीने जितनी खतरनाक है. वहीं, हरियाणा में यह आंकड़ा 29 सिगरेट तक पहुंचता है.
इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए एक मीम्स के जरिए इसे दिखाया गया, जिसमें गैंग्स ऑफ वॉसेपुर का एक सीन है. इसमें एक चेन स्मोकर और दिल्ली की हवा में रहने वालों की तुलना की गई है. आप भी देखिए...
किसी ने कुछ इस अंदाज में मजाक किया.
दिल्ली की हवा में सांस लेने वालों का हाल कुछ ऐसा होता है! देखिए ये मीम्स.
यदि आपका बच्चा पढ़ना-लिखना पसंद नहीं करता है तो ज्योतिषी प्रवीण मिश्र के उपाय का पालन कर इसे दूर कर सकते हैं. भगवान कृष्ण को मिसरी और तुलसी दल का भोग लगाकर प्रतिदिन बच्चे को खिलाएं. बच्चे के पढ़ाई के स्थान पर हरे रंग की चीजें ज्यादा रखें. बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें. घी का दीपक जला कर आरती करें. भगवान गणेश से प्रार्थना करें.
जेेएनयू के टीचर्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि इससे पहले भी TISS ने मुंबई में इसी तरह की एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें प्रो. पंडित ने हिस्सा लिया था. हालांकि, पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है और यह आरोप है कि सेमिनार में दी गई प्रस्तुतियों का इस्तेमाल कुछ राजनीतिक संगठनों ने प्रवासन के पैटर्न को 'अवैध' साबित करने के लिए किया.
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यह दुनिया एक दूसरे के मदद से चलती है. सदियों से इंसानियत की बुनियाद यही रही है. मुश्किल में फंसे इंसान को सहारा देना और उसकी परेशानियों को दूर करना. लेकिन सोचिए, जब इसी इमोशन का इस्तेमाल ठगी के लिए किया जाए तो क्या होगा? इमोशन्स का सहारा लेकर लोगों को धोखा देना.