Crypto लीगल नहीं, फिर क्यों लगाया Tax, रविशंकर प्रसाद ने बताया
AajTak
क्रिप्टो को जब सरकार वैध नहीं मानती, तो इस पर टैक्स कैसे लगाया जा सकता है. पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिजनेस टुडे के क्रिप्टो कॉनक्लेव में इस बात को ठीक तरह से समझाया कि सरकार ने ऐसा क्यों किया...
जब से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने इस बार के बजट भाषण में क्रिप्टो पर टैक्स (Tax on Crypto) लगाने की बात कही है, तभी से इसे लेकर लोगों के बीच एक बहस चल रही है कि जब सरकार क्रिप्टो को वैध नहीं मानती है तो उस पर टैक्स कैसे ले सकती है. बिजनेस टुडे क्रिप्टो कॉनक्लेव (BT Crypto Conclave) में मंगलवार को इस बात को पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने समझाया...
‘सरकार प्रोत्साहित करेगी डिजिटल करेंसी को’ पूर्व कानून, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में क्रिप्टो पर टैक्स लगाने की कही गई बात को सही से समझना है तो ‘सरकार ने स्पष्ट कहा है कि वो डिजिटल करेंसी को प्रोत्साहित करेगी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इसे लेकर पूरा इकोसिस्टम बनाने की घोषणा कर चुका है. जहां तक बात डिजिटल करेंसी में क्रिप्टो (Crypto Part) की है, तो जब तक सरकार इसे लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं ले लेती है, वो इसे लेन-देन से होने वाली इनकम पर टैक्स लगाएगी. मेरे हिसाब से इसमें कुछ गलत भी नहीं है.’
Crypto को लेकर सतर्कता जरूरी रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार इसे लेकर सतर्कता बरत रही है. क्रिप्टो को लेकर स्टेक होल्डर्स के बीच चर्चा जारी है और इस पर अंतिम निर्णय ये देखकर लिया जाएगा कि ये देश के लिए अच्छा है या बुरा. हमने कभी नहीं कहा कि हम इसके खिलाफ है, बस हम ये चाहते हैं कि इसमें लेनदेन सतर्कता के साथ हो. अभी क्रिप्टो ऐसा है ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’.
उन्होंने अपनी बात को और अच्छे से समझाते हुए कहा कि किसी करेंसी का सरकार की अथॉरिटी से जुड़ा होना जरूरी है. लेकिन क्रिप्टो की टेक्नीकल दिक्कतों के कारण मौजूदा समय में इसे किसी भी तरह से सरकार की अथॉरिटी के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है. इसके अलावा क्रिप्टो का जन्म ही अज्ञात है, ऐसे में इसका उपयोग आतंकवाद को फाइनेंस उपलब्ध कराने या मनी लॉन्ड्रिंग में हो सकता है. साथ ही क्या हम इससे जुड़ी साइबर सुरक्षा की चिंताओं को पीछे छोड़ सकते हैं? रविशंकर प्रसाद ने आज के समय में क्रिप्टो को ठीक वैसा बताया जैसे 1990 के दशक में इंटरनेट हुआ करता था.
ये भी पढ़ें:
स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी से मध्यम वर्ग परेशान है. सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के कारण लोग निजी अस्पतालों का रुख करते हैं. महंगे इलाज से बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, लेकिन प्रीमियम पर भारी टैक्स लगता है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में राहत की उम्मीद थी, पर कोई फैसला नहीं हुआ. देखें...