BYJU'S Crisis: आर्थिक संकट में फंसे बायजू पर FEMA की नई मुसीबत, 9000 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप
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BYJU'S Crisis : ईडी की जांच में सामने आया है कि कंपनी को 2011 से 2023 की अवधि में करीब 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ है. वहीं कंपनी ने इसी अवधि के दौरान विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के नाम पर विदेशों में करीब 9,754 करोड़ रुपये भेजे हैं.
एडटेक फर्म बायजूस (BUJU'S) की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, पहले से आर्थिक संकट से जूझ रही फर्म अब विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम यानी फेमा (FEMA) नियमों में घिर गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) .की जांच में बायजू द्वारा करीब 9,000 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का पता चला है. इसे लेकर कंपनी के कई परिसरों तलाशी और जब्ती अभियान भी चलाया गया है.
फेमा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप बायजू रविन्द्रन (Byju Raveendaran) के नेतृत्व वाली BYJU'S के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं, अब ED ने जांच के दौरान बायजूस द्वारा लगभग 9,000 करोड़ रुपये का फेमा उल्लंघन करना पाया है. प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले FEMA के प्रावधानों के तहत बायजू रवींद्रन और उनकी कंपनी 'थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड' के मामले में बेंगलुरु में 3 परिसरों (2 व्यावसायिक और 1 आवासीय) पर तलाशी और जब्ती की कार्रवाई भी की थी. गौरतलब है कि ये ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल बायजूस संचालित करने वाली पेरेंट कंपनी है.
28,000 करोड़ का विदेशी निवेश आया कंपनी के परिसरों में चलाए गए तलाशी और जब्ती अभियान के दौरान इस मामले से जुड़े विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डाटा जब्त किया गया. FEMA जांच में यह भी पता चला है कि कंपनी को 2011 से 2023 की अवधि में करीब 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ है. इसके साथ ही सामने आया कि कंपनी ने इसी अवधि के दौरान विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के नाम पर विदेशों में करीब 9,754 करोड़ रुपये भेजे हैं. कंपनी ने विज्ञापन और मार्केटिंग खर्चों के नाम पर लगभग 944 करोड़ रुपये की बुकिंग की है.
अकाउंट्स का नहीं कराया गया ऑडिट! ईडी ने कंपनी के खिलाफ मिल रहीं शिकायतों के आधार पर बायजूस के खिलाफ जांच शुरू की थी. अपनी जांच में निदेशालय ने पाया कि कथित तौर पर FY2020-21 से कंपनी ने अपना फाइनेंशियल डाटा तैयार नहीं किया और अकाउंट्स का ऑडिट नहीं कराया, जो कि अनिवार्य है. ईडी के मुताबिक, कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों की वास्तविकता की बैंकों से भी जांच की जा रही है. जांच के दौरान कंपनी फाउंडर बायजू रविन्द्रन को कई समन भी जारी किए गए.
अप्रैल महीने में चला था तलाशी अभियान बता दें इस साल अप्रैल महीने में प्रवर्तन निदेशालय ने बेंगलुरु में तलाशी अभियान चलाया था और इसके बाद कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायजूरवींद्रन ने कर्मचारियों को पत्र लिखकर सफाई दी थी. हालांकि, इस 9000 करोड़ रुपये से ज्यादा के गड़बड़झाले में ईडी का कहना है कि BYJU'S CEO बायजू रवीन्द्रन को कई समन जारी किए गए, लेकिन वह हमेशा टालमटोल करते रहे और कभी भी जांच के दौरान उपस्थित नहीं हुए.
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