Alert: अब जामताड़ा वाले ही नहीं... विदेशी ठग की भी आपके बैंक खाते पर नजर, ऐसे हुआ खुलासा
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Banking System में सेंधमारी कर बड़ी रकम साफ करने के मामले साल दर साल बढ़ रहे हैं. बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर के लिए कोई भी खतरा किसी देश के समग्र इकोनॉमिक डेवलपमेंट पर व्यापक प्रभाव डालता है. डिजिटलीकरण के दौर में साइबर अपराधियों भी हैकिंग के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं.
देश में साइबर अपराधी (Cyber Criminals) और हैकर्स (Hackers) एशिया में सबसे ज्यादा टारगेट भारतीय बैंकिंग फाइनेंशियल और इंश्योरेंस सेक्टर (BFSI) को कर रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब साइबर हैकिंग के मामले उत्तरी अमेरिका के बजाय एशिया, पैसेफिर और यूरोप में ज्यादा सामने आ रहे हैं. यह आंकड़ा कुल मामलों का करीब 10 फीसदी है. रिसर्च फर्म CloudSEK की ओर से ये जानकारी साझा की गई है.
CloudSEK ने शेयर किया डाटा रिसर्च फर्म CloudSEK की बीते हफ्ते आई रिपोर्ट में शेयर किए गए डाटा के मुताबिक, भारतीय बैंकिंग फाइनेंशियल और इंश्योरेंस सेक्टर (BFSI) के खिलाफ साइबर हमले बीते कुछ समय से कई गुना बढ़ गए हैं. फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में दर्ज साइबर घटनाओं के आंकड़े इसी ओर इशारा करते हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि BFSI हैकर्स के निशाने पर है. हैकिंग के बढ़ते मामले इस बात की गवाही दे रहे हैं.
छह महीनों में सामने आए इतने मामले साल 2021 के 12 महीनों या सालभर में साइबर हैकिंग (Cyber Hacking) की 469 घटनाएं दर्ज की गई थीं, लेकिन 2022 के पहले छह महीनों में ही BFSI में साइबर हैकिंग के 283 मामले सामने आ गए. इस आंकड़ों को देखकर साफ हो जाता है कि अब तक हैकर्स का सबसे बड़ा टारगेट रहे उत्तरी अमेरिका (North America) के बजाए साइबर अपराधी एशिया पर नजर गड़ाए हुए हैं और भारत उनके निशाने पर है.
साइबर हमलों का केंद्र बन रहा भारत रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में सामने आए हैकिंग के मामलों में से 7.4 फीसदी भारतीय उपमहाद्वीप की ओर टारगेट थे. यानी एशिया में साइबर हमलों के लिए नया केंद्र भारत बनता नजर आ रहा है. जिस तेजी से भारत में डिजिटलाइजेशन (Digitalisation) और ऑनलाइन गतिविधियां बढ़ रही हैं, हैकिंग के खतरा भी उसी तेजी से बढ़ता जा रहा है. रिपोर्ट की मानें तो ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी के अप्रत्याशित इजाफे ने साइबर फ्रॉड करने वालों की पहुंच बढ़ा दी है.
होता है लाखों करोड़ का नुकसान बैंकिंग और फाइनेंश सेक्टर में हैकिंग के मामलों से लाखों करोड़ रुपये का नुकसान होता है. इसके अलावा हैकर्स लोगों का पर्सनल डाटा भी बेचते हैं, जो बड़ी परेशानी का सबब है. देश में कोरोना काल में ऑनलाइन लेन-देन, ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ़ा है और इस मौके का फायदा उठाने में हैकर्स भी पीछे नहीं रहे. आए दिन हैंकिग की घटनाएं देखने को मिल रही है. इस तरह के मामलों पर लगाम लगाने के लिए जागरुकता सबसे जरूरी है.
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