1 अप्रैल से लागू हो जाएगा पेंशन से जुड़ा ये नया नियम, जानिए आपके लिए क्या बदल जाएगा?
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PFRDA ने कहा कि किसी भी जोखिम या खतरों को रोकने के लिए इस प्रक्रिया की शुरुआत की गई है. इसके साथ ही इसका लक्ष्य इससे जुड़ी हुई चिंताओं को दूर करने का प्रयास करना है.
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की सुरक्षा को और भी ज्यादा बेहतर बनाने के लिए पेंशन फंड रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने बड़ा बदलाव किया है. PFRDA ने सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी तक पहुंच के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन प्रॉसेस को शुरू किया है. इसे 1 अप्रैल से सभी कस्टमर्स के लिए लागू कर दिया जाएगा. इसका मतलब है कि एनपीएस के तहत आने वाले नए लोगों और पुराने ग्राहकों को टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन प्रॉसेस से होकर गुजरना होगा.
बिना टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन के किसी को भी NPS लॉग इन की अनुमति नहीं दी जाएगी. रेगुलेटरी अथॉरिटी ने कहा कि इस नए कदम के बाद अब यूजर्स को 1 अप्रैल 2024 से आधार बेस्ड लॉगिन ऑथेंटिकेशन के प्रॉसेस से गुजरना होगा. PFRDA ने कहा कि किसी भी जोखिम या खतरों को रोकने के लिए इस प्रक्रिया की शुरुआत की गई है. इसके साथ ही इसका लक्ष्य इससे जुड़ी हुई चिंताओं को दूर करने का प्रयास करना है.
अभी कैसे की जाती है लॉग इन? PFRDA के मुताबिक, केंद्र और राज्य सरकार के अधीन आने वाले नोडल ऑफिस, पेंशन से संबंधित ऑटोनोमस बॉडी के साथ, वर्तमान में एनपीएस लेनदेन के लिए पासवर्ड-बेस्ड लॉगिन का इस्तेमाल करते हैं. इस नए अपग्रेड के साथ ऑथेंटिकेशन और लॉगिन सिस्टम को मजबूत बनाना एक बेहतर कदम है. इससे फ्रॉड और साइबर अटैक से सुरक्षा में मदद मिलेगी.
क्यों पड़ी इस नियम की जरूरत? PFRDA सरकारी ऑफिस और ऑटोनोमस बॉडी के जरिए चलने वाले सभी एनपीएस एक्टिविटी के लिए एक सुरक्षित वेबसाइट और लॉग इन सिस्टम पेश करना चाहता है. इसके लिए आधार-बेस्ड लॉगिन ऑथेंटिकेशन के इंटेग्रेशन की कल्पना की गई है. कोई यूजर लगातार पांच बार गलत पासवर्ड डालता है, तो सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एनपीएस खाता तुरंत ब्लॉक हो जाएगा. ब्लॉक होने के बाद एनपीएस खाते को दोबारा रिकवरी के लिए पासवर्ड रिसेट करना होगा. इसके लिए यूजर को सीक्रेट सवालों का जवाब देना होगा या आई-पिन के लिए आवेदन करना होगा.
गौरतलब है कि केंद्रीय रिकॉर्डकीपिंग एजेंसियां (CRA) इस सिस्टम में सुचारु बदलाव को सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम में जुटी हुई हैं. सरकारी नोडल ऑफिस के एसओपी के जरिए इस सिस्टम में बदलाव जारी है. इन प्रक्रिया के बाद आने वाले बदलावों से आम यूजर को परिचित कराने के लिए नोडल अधिकारियों के साथ सहभागिता रहेगी.
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