!['हां बिहारी, तुम बहुत बदमाश हो...' इस अरबपति ने सुनाई धीरूभाई अंबानी की दरियादिली की कहानी..](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202309/anil_agarwal_dhirubhai_ambani-sixteen_nine.jpg)
'हां बिहारी, तुम बहुत बदमाश हो...' इस अरबपति ने सुनाई धीरूभाई अंबानी की दरियादिली की कहानी..
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Anil Agarwal के एक फेसबुक पोस्ट में वे अपनी सफलता में दिवंगत धीरूभाई अंबानी के रोल के बारे में बताते हुए नजर आ रहे हैं. इसमें वो जो किस्सा सुना रहे हैं, वो साल 1977-78 का है, जब उन्हें सिंडिकेट बैंक से 50 लाख रुपये का लोन चाहिए था.
देश के दिग्गज उद्योगपति और वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. देश को सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए भी वो सहयोग देने के लिए आगे आए हैं. आज सफलता के इस मुकाम पर पहुंचे अनिल अग्रवाल ने अपनी इस सक्सेस में अहम रोल निभाने वाले इंसान का खुलासा किया है. एक वीडियो में वे देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) की नींव रखने वाले दिवंगत धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) को इसका श्रेय देते हुए नजर आ रहे हैं. वेदांता चेयरमैन ने इसमें बताया है कि कैसे धीरूभाई की वजह से उन्हें शुरुआती दौर में 50 लाख रुपये का लोन हासिल हुआ था.
फेसबुक पोस्ट के जरिए बताई कहानी अपनी मेहनत और काबिलियत की दम पर उन्होंने ऐसा कारोबारी साम्राज्य स्थापित किया, जिसका दुनिया में डंका है. धीरूभाई ने सिर्फ अपना ही कारोबार नहीं बढ़ाया, बल्कि कई दिग्गज बिजनेसमैन की सफलता में भी उनका बड़ा रोल रहा. इस लिस्ट में Anil Agarwal का नाम भी शामिल है. ये हम नहीं कह रहे, बल्कि अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल के फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट की गई एक वीडियो क्लिप में वे खुद एक कहानी सुनाते हुए दिवंगत धीरूभाई अंबानी को अपनी सफलता में अहम रोल निभाने वाला बता रहे हैं. इस वीडियो क्लिप में अनिल अग्रवाल साल 1977-78 का एक किस्सा सुनाते हुए दिख रहे हैं. वीडियो अनिल अग्रवाल के फेसबुक पेज पर मौजूद है, ये वीडियो करीब 3 महीने पुराना है.
50 लाख का लोन और धीरूभाई का नाम दरअसल, इस वीडियो क्लिप में वे एक कार्यक्रम के दौरान अपनी सफलता की कहानी बताते हुए नजर आ रहे हैं. इस बीच उन्होंने कहा कि धीरूभाई अंबानी वो इंसान हैं, जिन्होंने मेरी छोटी सी जर्नी में एक बहुत बड़ा रोल निभाया. जब मैं साल 77-78 में बॉम्बे पहुंचा था, तो मुझे सिंडिकेट बैंक से 50 लाख रुपये का लोन चाहिए था.' लेकिन, सिंडिकेट बैंक के तत्कालीन चेयरमैन श्री रघुपति उनकी एक बात सुनने को तैयार नहीं थे. उस समय वहां पर सबसे सक्सेसफुल लोगों में पहला नाम धीरूभाई अंबानी का ही लिया जाता था और उनके एक इशारे पर लोन का काम हो सकता था. बस फिर क्या था अनिल अग्रवाल ने धीरूभाई से मिलने की ठान ली.
Anil Agarwal को पता चला कि धीरूभाई अंबानी ओबेरॉय होटल के हेल्थ क्लब में अक्सर आते थे, तो अनिल अग्रवाल ने वहीं उनसे मुलाकात करने की कोशिश शुरू कर दी. हालांकि, उस हेल्थ क्लब में जाने की परमिशन नहीं मिल रही थी. धीरूभाई से मुलाकात के पहले ही अनिल अग्रवाल ने सिंडिकेट बैंक के चेयरमैन रघुपति को ताज होटल में पार्टी के लिए आमंत्रित कर दिया था और उन्हें न्योता ये बात कहकर दिया था कि उस पार्टी में धीरूभाई अंबानी भी आ रहे हैं. धीरूभाई का नाम सुनते ही रघुपति एकदम से तैयार हो गए.
एंटरप्रेन्योर के चांस लेने की है ये कहानी इस बाकये का जिक्र करते हुए अनिल अग्रवाल ने कहा, 'देखिए एक एंटरप्रेन्योर कैसे चांस लेता है.' अब पार्टी के लिए धीरूभाई को मनाना जरूरी था, तो अनिल अग्रवाल फिर से ओबेरॉय होटल के हेल्थ क्लब में पहुंच गए. एक दिन उन्हें मौका मिला और उन्होंने कहा कि आप बोलें तो एक बिहारी जोक सुनाऊं, इस पर धीरूभाई ने उन्हें 'बिहारी' कहकर पुकारा और कहा कि तुम बहुत बदमाश हो. इसके बाद अनिल अग्रवाल ने अपनी बात उनके सामने रखी और बताया कि सिंडिकेट बैंक के चेयरमैन को पार्टी में आपके आने की बात कहकर बुलाया है. अगर आप आएंगे तो मेरे लिए ये बहुत मायने रखेगा. हालांकि, उस समय धीरूभाई ने कुछ नहीं बोला और हेल्थ क्लब से बाहर निकल गए. अनिल अग्रवाल के मुताबिक, इसके बाद उन्होंने जेब में रखी हनुमान चालीसा निकाली और पढ़ने लगे.
पार्टी में पहुंचे धीरूभाई और हो गया काम फिर पार्टी दिन आया और अनिल अग्रवाल के सपने पूरे होने की शुरुआत भी हो गई. दरअसल, उनकी पार्टी में धीरूभाई अंबानी भी पहुंच गए और वहां मौजूद सभी लोगों से हाथ मिलाया. उन्होंने पार्टी में 10 से 15 मिनट बिताए. अनिल अग्रवाल के मुताबिक, उस पार्टी में हमारी छाती गर्व से चौंड़ी हो गई थी ये सोचकर कि देखो मेरी पहुंच कहां तक है. अनिल अग्रवाल जब अपनी पार्टी का बिल चुकाने के लिए पहुंचे तो पता चला कि वो पहले ही भरा जा चुका है. किसी और ने नहीं बल्कि धीरूभाई अंबानी ने ही उनकी पार्टी का पूरा पेमेंट कर दिया था. वेदांता चेयरमैन ने कहा कि जिन लोगों ने दुनिया में नाम कमाया उनमें कुछ न कुछ खास और अलग खूबियां होती हैं.
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अधिकारी भीड़ को काबू करने के लिए बैंक के बाहर खड़े लोगों को कूपन दे रहे हैं, ताकि वे अपने लॉकर खोल सके. हालांकि जिन लोगों के पैसे अकाउंट में जमा हैं, उन्हें पैसे निकालने की अनुमति नहीं है. कुछ लोगों की तो सैलरी अभी हाल ही में आई और वे पैसे भी नहीं निकाल पाए थे. उन्हें भी पैसे निकालने का परमिशन नहीं दिया गया है.