
हरियाणा: तीन साल में 4.60 लाख बुजुर्ग पेंशन से जुड़े, 2.77 लाख नाम हटे भी
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हरियाणा सरकार के मुताबिक, वर्ष 2019 में 171026, 2020 में 129016, 2021 में 132758 और वर्ष 2022 में अब तक 27398 बुजुर्गों की पेंशन शुरू हुई है. ऐसे में देखा जाए तो प्रदेश में पिछले तीन सालों में 460198 बुजुर्गों को पेंशन लगी है.
हरियाणा सरकार का दावा है कि प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में 4 लाख 60 हजार से अधिक बुजुर्गों की पेंशन शुरू की गई है. यानी प्रतिमाह औसतन करीब 12000 बुजुर्गों को पेंशन से जोड़ा गया है. हरियाणा सरकार के मुताबिक उसकी पहली प्राथमिकता है कि समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे. इसी कड़ी में सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा बुजुर्गों को पेंशन दी जाती है.
हरियाणा में वर्ष 2004 में 9.95 लाख लाभार्थियों को 300 रुपये बुढ़ापा पेंशन मिलती थी, जिसपर 358 करोड़ रुपये का वार्षिक खर्च था. 2014 में 13.47 लाख बुजुर्गों को 1000 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से पेंशन दी जाती थी, इसपर 1617 करोड़ रुपये खर्च होते थे.
साल- 2022 में 17.45 लाख बुजुर्गों को 2500 रुपये मासिक पेंशन मिलती है, इसपर 5234 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो पिछले 7 वर्षों में पेंशन पर होने वाले खर्च को सरकार ने करीब साढ़े तीन गुणा कर दिया है.
साल दर साल का आंकड़ा
आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में 171026, 2020 में 129016, 2021 में 132758 और वर्ष 2022 में अब तक 27398 बुजुर्गों की पेंशन शुरू हुई. ऐसे में देखा जाए तो प्रदेश में पिछले तीन सालों में 460198 बुजुर्गों को पेंशन लगी है. औसतन प्रतिमाह 12000 बुजुर्गों को पेंशन से जोड़ा गया है.
इस बीच, वर्ष 2019 से 2022 तक विभिन्न कारणों से 2,77,676 बुजुर्गों की पेंशन बंद की गई, इनमें से 2,41,183 बुजुर्गों की पेंशन मृत्यु होने पर बंद की गई.

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