श्रीलंका कंगाल, क्या नेपाल का भी होगा यही हाल? संकट के पीछे ये कारण
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नेपाल के केंद्रीय बैंक Nepal Rashtra Bank के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 के पहले आठ महीनों में महंगाई (Inflation) का औसत 7.14 फीसदी रहा, जो पिछले 67 महीनों में सबसे ज्यादा है. अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोलियम उत्पादों और खाने-पीने के सामान आदि की वैश्विक कीमतें बढ़ने के कारण नेपाल में भी महंगाई बढ़ रही है.
पड़ोसी देश श्रीलंका इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) से जूझ रहा है. अब एक और पड़ोसी देश नेपाल में भी आर्थिक संकट (Nepal Economic Crisis) का खतरा पैदा हो गया है और इस कारण कयास लगने लगे हैं कि कहीं इस देश का भी हाल श्रीलंका जैसा न हो जाए. यह नेपाल में राजनीतिक मुद्दा भी बन चुका है और विपक्ष लगातार कह रहा है कि श्रीलंका जैसे हालात पैदा होने वाले हैं. हालांकि अर्थशास्त्रियों की राय इससे अलग है. एक्सपर्ट मानते हैं कि नेपाल की स्थिति श्रीलंका से काफी अलग है.
कोविड के दौर में गिरा फॉरेन रेमिटेंस
नेपाल के केंद्रीय बैंक Nepal Rashtra Bank के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 के पहले आठ महीनों में महंगाई (Inflation) का औसत 7.14 फीसदी रहा, जो पिछले 67 महीनों में सबसे ज्यादा है. अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोलियम उत्पादों और खाने-पीने के सामान आदि की वैश्विक कीमतें बढ़ने के कारण नेपाल में भी महंगाई बढ़ रही है. दूसरी ओर अन्य देशों में रहने वाले लोगों से नेपाल आने वाले पैसों में कमी आई है. इकोनॉमी में अहम हिस्सा निभाने वाला पर्यटन (Tourism) भी महामारी के चलते कम हुआ है. इन कारणों से विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) तेजी से कम हुआ है.
आयात बढ़ने से भी हो रही परेशानी
ट्रेड एंड एक्सपोर्ट प्रमोशन सेंटर के अनुसार, पेट्रोलियम उत्पाद देश के सबसे बड़े आयात आइटम हैं, जो नेपाल के पूरे आयात का 14 फीसदी है. रेमिटेंस नेपाल के लिए विदेशी मुद्रा का सबसे बड़ा स्रोत है और यह 1.7 फीसदी घटकर 631.19 अरब रुपये रह गया है. आयात बढ़ने और रेमिटेंस गिरने के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है. केंद्रीय बैंक के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 16.3 प्रतिशत घटकर 1,171 अरब रुपये रह गया है, जो महज 6.7 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है.
नेपाल को भारत, अमेरिका से मिल रही मदद
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