
लगातार भारत छोड़ रहे फॉरेन इन्वेस्टर्स, इतना गिरा रुपया कि बन गया रिकॉर्ड
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पिछले कुछ महीनों से फॉरेन इन्वेस्टर्स भारत समेत अन्य उभरते बाजारों से लगातार पैसे निकाल रहे हैं. अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने के बाद एफपीआई की निकासी की रफ्तार तेज हो गई है. इसका सीधा असर करेंसी की वैल्यू पर पड़ रहा है.
पिछले कुछ दिनों से भारतीय करेंसी (Indian Currency) की वैल्यू में तेज गिरावट देखी जा रही है. रुपये (Indian Rupees) के कमजोर पड़ते जाने की कहानी आज सोमवार के कारोबार में भी दोहरा गई. इंटरबैंक फॉरेक्स एक्सचेंज के कारोबार में रुपया शुरुआत में ही 50 पैसे से ज्यादा गिर गया. कारोबार बंद होने तक रुपया और कमजोर होकर नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ.
मार्च में बना था पुराना रिकॉर्ड
इंटरबैंक फॉरेक्स एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को रुपये ने डॉलर के मुकाबले गिरकर 77.17 पर कारोबार की शुरुआत की. जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, रुपये की वैल्यू कम होते गई. कारोबार समाप्त होने के बाद रुपया 56 पैसे गिरकर 77.46 प्रति डॉलर के लेवल पर बंद हुआ. यह भारतीय करेंसी का अभी तक के इतिहास का सबसे निचला स्तर (INR All Time Low) है. इससे पहले रुपये ने मार्च में 76.98 प्रति डॉलर तक गिरकर ऑल टाइम लो का रिकॉर्ड बनाया था.
लगातार पैसे निकाल रहे एफपीआई
इससे पहले पिछले सप्ताह शुक्रवार को भी रुपये में बड़ी गिरावट आई थी. शुक्रवार को रुपया 55 पैसे गिरकर 76.90 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. रुपये की वैल्यू में गिरावट का मुख्य कारण भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों का लगातार पैसे निकालना है. एफपीआई लगातार इंडियन मार्केट में नेट सेलर बने हुए हैं. अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने के बाद इसकी रफ्तार और बढ़ गई है. पिछले सप्ताह शुक्रवार को एफपीआई ने भारतीय पूंजी बाजार से 5,517.08 करोड़ रुपये की निकासी की थी.
डॉलर को मजबूत कर रहे ये फैक्टर

Petrol-Diesel Prices Today: इंटरनेशनल मार्केट में आज कच्चा तेल 70 डॉलर पहुंच गया है. ब्रेंट क्रूड आज 70.00 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि WTI क्रूड 66.71 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं, भारत की बात करें तो सरकारी तेल कंपनियों ने आज (बुधवार), 12 मार्च, 2025 को भी सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर ही रखी हैं.