
मनमोहन सिंह ने उठाए थे 'भारतीय बाजार' के शटर, तीन दशक में देश की बदलती तस्वीर!
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मनमोहन सिंह के पहले बजट ने देश का आर्थिक माहौल बदलना शुरू कर दिया. क्योंकि बजट में मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था के लिए उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की राह पर चलने का ऐलान कर दिया था.
आज दुनिया भर के देशों की भारतीय बाजार पर नजरें हैं. हर विकसित देश को भारत का 'खुला बाजार' निवेश के लिए आकर्षित कर रहा है. बाजार को खुला छोड़ने के लिए पहला कदम आज से ठीक 30 साल से पहले उठाया गया था. दरअसल, बतौर वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने आज ही के दिन यानी 24 जुलाई 1991 में अपना पहला बजट संसद में पेश किया था. (Photo: Aajtak) भारत के इतिहास में मनमोहन सिंह के पहले बजट को अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर बजट माना जाता है. मनमोहन सिंह ने इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट पॉलिसी में बदलाव कर भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोल दिया था. एक तरह से 1991 में पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने देश से लाइसेंस राज को खत्म करने का ऐलान कर दिया था. जबकि यह सरकार कुछ महीने पहले ही बनी थी. 21 जून 1991 को पीवी नरसिम्हा राव देश के नए प्रधानमंत्री बने थे. (Photo: India Today Archives) दरअसल, मनमोहन सिंह के पहले बजट ने देश का आर्थिक माहौल बदलना शुरू कर दिया. क्योंकि बजट में मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था के लिए उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की राह पर चलने का ऐलान कर दिया था. पिछले 30 वर्षों में भारतीय इकोनॉमी को इसी राह पर मजबूत कामयाबी मिली है, और अब 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की बात होने लगी है. अब आइए जानते हैं, पिछले तीन दशक में उदारीकरण के मोर्चे पर देश कहां खड़ा है. (Photo: Aajtak)More Related News

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