बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग स्थगित, शिक्षा मंत्री बोले- पॉलिसी के विरोध में थे शिक्षक संघ
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बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर प्रोसेस को रोक दिया गया है. शिक्षा विभाग का तरफ से ट्रांसफर करी पूरी प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है. शिक्षक संघ बिहार सरकार की ट्रांसफर नीति का विरोध कर रहे थे, जिसके तहत शिक्षकों से अपनी पसंदीदा पोस्टिंग स्थल के लिए आवेदन मांगे गए थे.
बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर प्रोसेस को रोक दिया गया है. शिक्षा विभाग का तरफ से ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है. यह कदम राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के राय-मशविरा के बाद लिया गया है.
बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "कई शिक्षक और शिक्षक संघ इस नई ट्रांसफर-पोस्टिंग नीति के खिलाफ थे. इन विरोधों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है कि फिलहाल इस नीति को स्थगित किया जाए." उन्होंने यह भी कहा कि जो शिक्षक वर्तमान में जहां कार्यरत हैं, उन्हें वहीं रहने दिया जाएगा. शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की स्थायी नियुक्तियों और उनके कार्यस्थलों से जुड़े इस फैसले पर और विचार-विमर्श किया जाएगा, ताकि सभी पक्षों का ध्यान रखा जा सके और एक संतुलित नीति बनाई जा सके.
क्यों स्थगित हुई शिक्षकों की पोस्टिंग?
हाल ही में, बिहार सरकार ने शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए नई नीति लागू की थी, जिसके तहत शिक्षकों से अपनी पसंदीदा पोस्टिंग स्थल के लिए आवेदन मांगे गए थे. सरकार ने इसके लिए 22 नवंबर 2024 तक आवेदन की अंतिम तिथि तय की थी. इसके बाद, सरकार ने स्पष्ट किया था कि जो शिक्षक समय पर आवेदन नहीं करेंगे, उनके ट्रांसफर का निर्णय सरकार अपनी इच्छा से करेगी. शिक्षक संगठनों ने सरकार की इस ट्रांसफर पॉलिसी का विरोध किया था. विरोध को देखते हुए बिहार शिक्षा विभाग ने पोस्टिंग प्रक्रिया स्थगित करने का फैसला लिया है.
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