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पता है? आलू-प्याज का ताजा भाव... टमाटर के दाम सुनकर रह जाएंगे सन्न!
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खाने-पीने की चीजों की महंगाई सितंबर महीने में उछलकर 9.24 फीसदी हो गई, जो इससे पिछले महीने यानी अगस्त में 5.66 फीसदी और एक साल पहले इसी महीने में 6.62 फीसदी थी.
नवरात्रि खत्म होने के बाद भी टमाटर, प्याज और आलू के दाम में कमी नहीं आई है. हर रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली इन सब्जियों की ऊंची कीमतों ने लोगों के घर का बजट पूरी तरह बिगाड़ दिया है. अगर इन जरुरी सब्जियों के दाम पर नजर डालें तो आलू की रिटेल कीमत 40 रुपये प्रति किलो है, जबकि टमाटर 100 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं प्याज की कीमत भी 60 रुपये प्रति किलो है.
सब्जियां महंगी... टमाटर का कहर
ऐसे में इन तीनों सब्जियों ने ही देश की महंगाई पर काफी असर डाला है. क्योंकि टमाटर, प्याज और आलू के दाम बढ़ने से ही महंगाई दर में भी बढ़ोतरी हुई है. जिससे सितंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.49 फीसदी पर पहुंच गई. यह खुदरा महंगाई दर का 9 महीने का सबसे ऊंचा स्तर है. इस उछाल के साथ ही सितंबर में खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के टोलरेंस बैंड 4 फीसदी के पार जा पहुंची है.
एनएसओ के डेटा के मुताबिक, खाने-पीने की चीजों की महंगाई सितंबर महीने में उछलकर 9.24 फीसदी हो गई, जो इससे पिछले महीने यानी अगस्त में 5.66 फीसदी और एक साल पहले इसी महीने में 6.62 फीसदी थी. ग्रामीण इलाकों में महंगाई दर अगस्त में 4.16% के मुकाबले सितंबर में बढ़कर 5.87% हो गई. वहीं, शहरी इलाकों में यह दर अगस्त में 3.14% से बढ़कर सितंबर में 5.05% हो गई.
खुदरा महंगाई दर में भारी उछाल सप्लाई से जुड़ी समस्याएं भी रिटेल महंगाई दर के आंकड़ों पर असर डालते हैं. हाल के महीनों में टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में काफी उछाल आया है. रिटेल खाद्य और पेय पदार्थों में टमाटर, प्याज और आलू की हिस्सेदारी 4.8 फीसदी है. वहीं कुल रिटेल महंगाई दर में इनका हिस्सा 2.2 फीसदी है. इनकी कीमतों में इजाफे की वजहों की बात करें तो मौसम, स्टोरेज की समस्याएं और सप्लाई से जुड़ी दिक्कतें हैं. कई बार मौमस की मार के चलते इनके उत्पादन पर असर होता है. वहीं दूसरी तरफ कोल्ड स्टोरेज की कमी और दूसरी कई समस्याएं भी इनके भंडारण के रास्ते में ब्रेकर बन जाती हैं, जिससे ये जल्दी खराब हो जाते हैं.
वहीं फसल होने के बाद इनकी सप्लाई को लेकर भी कई बार समस्याएं पैदा हो जाती हैं, जो कीमतों में उतार-चढ़ाव की एक बड़ी वजह हैं. स्टडी के मुताबिक जिस मौसम में इनकी पैदावार कम होती है, उस समय इनकी कीमत बढ़ जाती है. वहीं जिस मौसम में पैदावार ज्यादा होती है, उस समय कीमत कम होती है.
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पिछले पांच दिन का डाटा देखें तो Sensex 2.82% या 2215 अंक टूट चुका है, जबकि निफ्टी50 2.91 फीसदी या 692 अंक गिर चुका है. इसके अलावा, निफ्टी बैंक इन पांच दिनों के दौरान 926.50 अंक या 1.84% टूट चुके हैं.