'पढ़ाई नहीं, बम फेंकना बड़ा टैलेंट', लड़कियों की शिक्षा पर बैन लगाने वाले तालिबान के शिक्षा मंत्री की कुंडली जानें
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अफगानिस्तान में तालिबान ने लड़कियों को यूनिवर्सिटी जाने से रोक दिया है. इसके पीछे अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्री निदा मोहम्मद नदीम का दिमाग है. नदीम खुलेआम कहता है कि तालिबान लड़ाके की योग्यता पढ़ाई-लिखाई से नहीं, बल्कि बम फेंकने की क्षमता से मापी जानी चाहिए. कौन है निदा मोहम्मद नदीम? जानें...
'हमने लड़कियों से कहा था कि हिजाब पहनें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. वो ऐसे सज-धजकर जाती हैं जैसे किसी शादी समारोह में जा रहीं हों. लड़कियां एग्रीकल्चर और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहीं हैं. ये अफगानिस्तान के कल्चर से मेल नहीं खाता. लड़कियों को सीखना चाहिए लेकिन वो नहीं जो इस्लाम और अफगानिस्तान के खिलाफ हो.'
ये बातें अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्री निदा मोहम्मद नदीम ने कही थीं. नदीम ने ऐसा अपने उस फैसले को 'सही' ठहराते हुए कहा था जिसमें तालिबान ने लड़कियों के यूनिवर्सिटी जाने पर रोक लगा दी थी. तालिबान ने पहले लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लगाई और अब यूनिवर्सिटी जाना भी बंद कर दिया है.
तालिबान के इस फैसले ने अफगानिस्तान को 90 के दशक की ओर धकेल दिया है. लड़कियों की शिक्षा पर रोक लगाने के फैसले की दुनियाभर में निंदा हो रही है. मुस्लिम देश भी इस पर सवाल उठा रहे हैं. लेकिन शिक्षा मंत्री निदा मोहम्मद नदीम ने साफ कर दिया है कि तालिबान इस फैसले को वापस नहीं लेगा. अफगानिस्तान के एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में नदीम ने कहा, 'भले ही एटम बम गिरा दो, लेकिन तालिबान इस फैसले को लागू करके रखेगा.'
तालिबान ने पिछले साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था. उस समय उसने 'वादा' किया था कि लड़कियों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगाई जाएगी. लेकिन डेढ़ साल में ही कई पाबंदियां लग चुकी हैं. लड़कियों को काम करने नहीं दिया जा रहा है, पार्क और जिम जाने में भी रोक लगा दी है, स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी जाने पर भी अब रोक लगा दी गई है.
बहरहाल, लड़कियों को यूनिवर्सिटी जाने से रोकने के फैसले के पीछे जिसका दिमाग है, उसका नाम निदा मोहम्मद नदीम है. तालिबान ने अक्टूबर में ही नदीम को शिक्षा मंत्री बनाया था. नदीम खुलेआम कहता है कि लड़कियों का पढ़ाई करना इस्लाम के मूल्यों के खिलाफ है.
कौन है निदा मोहम्मद नदीम?
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