'मैं ट्रंप को हरा देता लेकिन...', बाइडेन ने बताया राष्ट्रपति पद की दौड़ से क्यों हो गए थे बाहर
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जो बाइडेन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति बनना उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान था. लेकिन वह ऐसा व्यक्ति नहीं बनना चाहते थे जिसने ऐसी पार्टी को चुनाव हारा दिया जो एकजुट नहीं थी. इसीलिए उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर रहने का फैसला किया.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को कहा कि वह पिछले साल 5 नवंबर को हुए आम चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप को हरा देते, लेकिन उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की एकता की खातिर बीच में ही दौड़ से हटने का फैसला किया. व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बाइडेन से सवाल पूछा गया, 'राष्ट्रपति महोदय, क्या आपको दोबारा चुनाव न लड़ने के अपने फैसले पर पछतावा है? क्या आपको लगता है कि इससे आपके पूर्ववर्ती के लिए आपका उत्तराधिकारी बनना आसान हो गया?'
इसके जवाब में जो बाइडेन ने कहा, 'मुझे ऐसा नहीं लगता. मुझे लगता है कि मैंने ट्रंप को हरा दिया होता. मैं ट्रंप को हरा सकता था. मुझे यह भी लगता है कि कमला (हैरिस) ट्रंप को हरा सकती थीं. लेकिन यह (राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होना) इसके बारे में नहीं था- जब पार्टी इस बात को लेकर चिंतित थी कि मैं आगे बढ़ पाऊंगा या नहीं तो मुझे लगा कि पार्टी को एकजुट करना महत्वपूर्ण है. भले ही मुझे लगा कि मैं फिर से जीत सकता हूं, मैंने सोचा कि दल एकजुट करना बेहतर होगा.'
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जो बाइडेन ने कहा, 'संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति बनना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान था. लेकिन मैं ऐसा व्यक्ति नहीं बनना चाहता था जिसने ऐसी पार्टी को चुनाव हारा दिया जो एकजुट नहीं थी. इसीलिए मैंने राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर रहने का फैसला किया. मुझे कमला हैरिस पर विश्वास भी था कि वह जीत सकती हैं.' बता दें कि 82 वर्षीय बाइडेन ने जून, 2024 में अटलांटा प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान अपने खराब प्रदर्शन के बाद डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया था.
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अपनी ही पार्टी के नेताओं की ओर से काफी आलोचना झेलने के बाद, जो बाइडेन ने बीच में ही राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया और डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में अपनी साथी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन किया था. कमला हैरिस को डोनाल्ड ट्रंप के हाथों राष्ट्रपति चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. आम चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी को क्लीन स्वीप मिली, जिसने न केवल ट्रंप को दोबारा व्हाइट हाउस पहुंचाया, बल्कि उनकी पार्टी को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में अपना बहुमत बनाए रखा बल्कि सीनेट में भी बहुमत हासिल कर लिया.
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