
सात देशों ने 258 पाकिस्तानियों को वापस भेजा, कराची में 16 गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
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सऊदी अरब द्वारा निर्वासित किए गए लोगों की संख्या 232 थी, जिनमें सात भिखारी भी शामिल थे. उन्हें अलग-अलग उड़ानों के माध्यम से वापस भेजा गया. दो व्यक्तियों को बिना परमिट के हज करते हुए पकड़ा गया और उनकी सजा पूरी होने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया.
पिछले 24 घंटों में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और चीन समेत सात देशों से 258 पाकिस्तानियों को निर्वासित किया गया है. इनमें से 14 के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट थे, जबकि 244 को आपातकालीन यात्रा दस्तावेजों के आधार पर निर्वासित किया गया. इमिग्रेशन अधिकारियों ने बताया कि कराची पहुंचने पर संदिग्ध पहचान वाले एक व्यक्ति समेत 16 निर्वासितों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि बाकी को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया गया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सऊदी अरब द्वारा निर्वासित किए गए लोगों की संख्या 232 थी, जिनमें सात भिखारी भी शामिल थे. उन्हें अलग-अलग उड़ानों के माध्यम से वापस भेजा गया. दो व्यक्तियों को बिना परमिट के हज करते हुए पकड़ा गया और उनकी सजा पूरी होने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया. चार अन्य पाकिस्तानियों ने अपने उमराह वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी वहां रहना जारी रखा, 27 बिना किसी प्रायोजन (कफील) के काम कर रहे थे, 16 अपने वीजा की वैधता से अधिक समय तक वहां रहे, 112 को उनके प्रायोजकों की शिकायतों के कारण निर्वासित किया गया और 63 को अन्य आरोपों का सामना करना पड़ा.
16 लोग इमिग्रेशन स्टॉप लिस्ट में सूचीबद्ध
यूएई ने 21 लोगों को निर्वासित किया, जिनमें से चार ड्रग तस्करी में शामिल हैं. चीन, कतर, इंडोनेशिया, साइप्रस और नाइजीरिया से एक-एक व्यक्ति को निर्वासित किया गया. यूएई और नाइजीरिया से निर्वासित लोगों में से 16 व्यक्तियों को एफआईए की इमिग्रेशन स्टॉप लिस्ट में सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. आव्रजन सूत्रों ने बताया कि निर्वासन की प्रवृत्ति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
पिछले 24 घंटों में, संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के आव्रजन प्रकोष्ठ ने कराची हवाई अड्डे पर 35 यात्रियों को भी उतार दिया, जो विभिन्न देशों की यात्रा कर रहे थे. उमरा वीजा पर सऊदी अरब जाने वाले यात्रियों को अग्रिम होटल बुकिंग की कमी और खर्चों के लिए अपर्याप्त धन के कारण उतार दिया गया.
जो यात्री वर्क वीजा पर सऊदी अरब जाना चाहते थे, उन्हें उचित वर्क वीजा दस्तावेज न होने के कारण उतार दिया गया.

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