दुनिया में पहली बार भारत में, IPO में अप्लाई के लिए T+3 फॉर्मूला... SEBI की मंजूरी
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SEBI ने T+3 समयसीमा को लागू किए जाने की मंजूरी देते हुए कहा है कि ये चरणबद्ध तरीके से अमल में लाई जाएगी. पहले चरण के तहत 1 सितंबर, 2023 या उसके बाद खुलने वाले आईपीओ के लिए, जबकि दूसरे चरण में 1 दिसंबर, 2023 या इसके बाद ओपन होने वाले IPO के मामले में यह लागू होगी.
देश के आईपीओ मार्केट (Indian IPO Market) में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलने वाला है और ये चेंज दुनिया में पहली बार भारत में हो रहा है. दरअसल, मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ में इन्वेस्ट करने वाले निवेशकों (IPO Investors) के लिए अच्छी खबर दी है. सेबी ने आईपीओ में अप्लाई के लिए T+3 फॉर्मूला लागू करने को हरी झंडी दिखा दी है. इसके बाद का समय अब आधा कर दिया जाएगा.
अब तीन दिन में होगी लिस्टिंग मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने आईपीओ लिस्टिंग टाइम को घटाकर आधा करने का फैसला किया है. बुधवार को जारी किए गए एक बयान के मुताबिक, किसी भी कंपनी द्वारा पेश किए गए IPO की सब्सक्रिप्शन प्रक्रिया क्लोज होने के बाद इसके लिस्टिंग की डेडलाइन को T+3 कर दिया गया है. अब तक इस प्रक्रिया के लिए T+6 फॉर्मूला लागू किया जाता था. यानी आईपीओ बंद होने के छह दिनों में स्टॉक मार्केट में उक्त कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग की जाती थी.
दो चरणों में लागू होगा नया नियम सेबी ने T+3 समयसीमा को लागू किए जाने की मंजूरी देते हुए कहा है कि ये चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी. पहले चरण के तहत 1 सितंबर, 2023 या उसके बाद खुलने वाले आईपीओ के लिए यह स्वैच्छिक रखा गया है. वहीं दूसरे चरण में 1 दिसंबर, 2023 या इसके बाद ओपन होने वाले आईपीओ के मामले में यह अनिवार्य रूप से लागू होगा. मार्केट रेग्युलेटर ने ये बड़ा फैसला इन्वेस्टर्स, बैंक, ब्रोकर समेत अन्य संबंधित लोगों के साथ चर्चा के बाद लिया है.
T+3 फॉर्मूले से क्या लाभ होगा? IPO Listing की प्रक्रिया में किए जाने वाले बदलाव के बारे में सेबी की बोर्ड बैठक में ये बड़ा फैसला लिया गया है. सेबी के इस फैसले से आईपीओ की लिस्टिंग की प्रक्रिया में तेजी आएगी. साथ ही जिन निवेशकों को आईपीओ में आवेदन पर शेयर अलॉट नहीं होगा, उन्हें उनका पैसा भी जल्द रिफंड मिल जाएगा. इससे सुनिश्चित होगा कि कंपनियों के पास IPO के जरिए जुटाई गई पूंजी भी तेजी से पहुंचे.
अब कंपनियों को ऐसे करना होगा काम आईपीओ मार्केट के लिए फिलहाल जो नियम तय किए गए हैं, उनके मुताबिक IPO पेश करने वाली कंपनियां बिडिंग प्रोसेस क्लोज होने के बोली खत्म होने के 3 दिन बाद शेयरों का अलॉटमेंट करते हैं और 5वें दिन स्टॉक एक्सचेंजों के पास शेयर में ट्रेडिंग की मंजूरी लेने के लिए लिस्टिंग एप्लिकेशन सब्मिट करती हैं. वहीं नए बदलाव के तहत अब उन्हें यह बोली खत्म के दूसरे दिन शाम 6:30 बजे तक ये काम करना होगा.
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