
दिवालिया होकर सबसे बड़ी रियल स्टेट कंपनी ने बिगाड़ दी चीन की हालत, लपेटे में अमेरिका भी...
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चीन की जीडीपी में रियल एस्टेट सेक्टर ही हिस्सेदारी 30 फीसदी के आसपास है. ऐसे में एवरग्रांड जैसी दिग्गज कंपनी का दिवालिया हो जाना चीन की इकोनॉमी के लिए बड़ झटका है. एवरग्रांड ने खुद को अमेरिका में दिवालिया घोषित किया है.
कोविड महामारी (Covid) के दौरान बेपटरी हुई चीन की अर्थव्यवस्था मंदी का सामना कर रही है. चीन की बिगड़ी इकोनॉमी (China Economy) की चपेट में अब इसकी बड़ी कंपनियां आने लगी हैं और इसका असर सिर्फ चीन तक सीमित नहीं है. हाल ही में चीन की सबसे बड़ी रियल स्टेट की कंपनी एवरग्रांड ग्रुप (Evergrande Group) ने खुद को दिवालिया घोषित किया था. कंपनी के इस ऐलान के बाद अमेरिका में हड़कंप मच गया. क्योंकि एवरग्रांड ग्रुप ने न्यूयॉर्क की एक अदालत में चैप्टर-15 के तहत दिवालियापन संरक्षण के लिए आवेदन किया है. चीन की दिग्गज कंपनी का दिवालिया हो जाना उसकी बिगड़ती आर्थिक सेहत को साफ परिभाषित कर रहा है कि वो इकोनॉमी के मोर्चे पर किस संकट से जूझ रहा है.
4.5 अरब डॉलर स्वाहा
पिछले छह महीने में एवरग्रांड ग्रुप के 4.5 अरब डॉलर स्वाहा हो गए हैं. दो साल में कंपनी 582 अरब युआन डूबो चुकी है. भारी कर्ज के बोझ तले दबी इस कंपनी पर 330 अरब डॉलर से अधिक का बकाया है. एवरग्रांड ग्रुप की दिवालियापन की खबर ऐसे समय में आई है, जब चीन की इकोनॉमी पटरी पर वापसी के लिए रास्ते तलाश रही है.
दूसरी तरफ चीन में रियल स्टेट के मार्केट की हालत खस्ता है. क्योंकि कई कंपनियों ने अपने प्रोजक्ट पूरे तो कर दिए हैं. लेकिन उन्हें खरीदार नहीं मिल रहा है. कुछ समय पहले चीन की एक और रियल स्टेट की दिग्गज कंपनी कंट्री गार्डन ने बताया था कि पहले छह महीने में उसे 7.6 अरब डॉलर तक की भारी-भरकम का नुकसान उठाना पड़ा है.
चीन की इकोनॉमी के लिए बड़ा झटका
चीन की जीडीपी में रियल एस्टेट सेक्टर ही हिस्सेदारी 30 फीसदी के आसपास है. ऐसे में एवरग्रांड जैसी दिग्गज कंपनी का दिवालिया हो जाना चीन की इकोनॉमी के लिए बड़ा झटका है. क्योंकि इसका असर पूरे रियल स्टेट सेक्टर पर पड़ा है. एवरग्रांड ग्रुप ने अमेरिका में जिस चैप्टर-15 के तहत दिवालियापन संरक्षण के लिए आवेदन किया है, उसके जरिए विदेशी कंपनियों की संपत्ति को अमेरिका में सुरक्षा मिलती है.

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