दिल्ली: 50 मीटर के प्लॉट में मात्र 3 फ्लोर! RERA के नोटिफिकेशन पर सियासी घमासान, आमने सामने बीजेपी AAP
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दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) ने दिल्ली RERA अधिसूचना की निंदा करते हुए दावा किया है कि दिल्ली में संपत्ति पंजीकरण रोक दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार दिल्ली में रियल एस्टेट आवासीय-वाणिज्यिक व्यापार पूरी तरह से नष्ट कर देगी.
देश की राजधानी दिल्ली में इस समय रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी यानी RERA के एक नोटिफिकेशन को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (Aap) एक दूसरे के आमने-सामने हैं. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) ने दिल्ली सरकार पर Real Estate आवासीय और वाणिज्यिक बिजनेस को पूरी तरह नष्ट करने का आरोप लगाया है.
RERA नोटिफिकेशन को लेकर विवाद क्यों? बात करें दिल्ली RERA नोटिफिकेशन की, तो ये कहता है कि 50 मीटर तक के प्लॉट पर केवल 3 आवासीय इकाइयों की अनुमति होगी, यानी 50 मीटर के प्लॉट पर केवल 3 मंजिल का निर्माण या बिक्री की जा सकती है. वहीं दिल्ली में फिलहाल 50 मीटर तक के छोटे प्लॉटों की भरमार है और इनमें 4 से 5 आवास इकाइयां बनी हुई हैं. नोटिफिकेशन पर आगे नजर डालें तो इसमें कहा गया है कि 50 से 250 मीटर के भूखंडों पर केवल 4 आवास इकाइयों की अनुमति दी जाएगी, जबकि दिल्ली 6 से 8 आवास इकाइयों के साथ 100 मीटर से 250 मीटर तक की संपत्तियों से भरी पड़ी हैं.
दिल्ली सरकार पर लगाया बड़ा आरोप इन नोटिफिकेशन को मुद्दा बनाकर भाजपा तैश में है और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) ने दिल्ली RERA अधिसूचना की निंदा करते हुए दावा किया है कि दिल्ली में संपत्ति पंजीकरण रोक दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि RERA दिल्ली सरकार का नोटिफिकेशन दिल्ली में रियल एस्टेट आवासीय और वाणिज्यिक व्यापार को पूरी तरह से नष्ट कर देगा और व्यक्तिगत संपत्ति मालिकों के हितों को भी नुकसान होगा. वीरेंद्र सचदेवा ने ये सवाल भी उठाया है कि दिल्ली में लाखों इकाइयों वाली अनधिकृत कॉलोनियां हैं, जहां कोई होम प्लान स्वीकृत नहीं है, ऐसे में वहां संपत्ति की खरीद और बिक्री कैसे होगी?
अनधिकृत कॉलोनियों में कोई भवन योजना नहीं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि एक ऐसे शहर में जहां एक आम मध्यम वर्ग का आदमी 50 मीटर से 250 मीटर के फ्लैट का विकल्प चुनता है, केजरीवाल सरकार (Kejriwal Govt) की रेरा अधिसूचना इन आवासों को प्रतिबंधित करती है, लेकिन 250 से 3750 मीटर तक के रईस लोगों के भूखंडों पर बढ़ी हुई FAR और आवास इकाइयों की अनुमति देती है. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में लाखों इकाइयों वाली 1671 अनऑथोराइज्ड कॉलोनियां हैं जहां आज तक कोई भवन योजना स्वीकृत नहीं हुई है और इसलिए कोई यह नहीं समझ पा रहा है कि इन क्षेत्रों में संपत्ति बिक्री खरीद कैसे होगी.
दिल्ली के इन इलाकों में ऐसी कॉलोनियों की भरमार गौरतलब है कि अनधिकृत कॉलोनियों में 200 मीटर के घरों में आम तौर पर 8 से 10 आवास इकाइयां होती हैं और ऐसे में रेरा अधिसूचना के बाद ये घर अवैध हो जाएंगे और उनकी बिक्री और खरीद संभव नहीं होगी. मिश्रित भूमि उपयोग वाले चांदनी चौक, चावड़ी बाजार गांधी नगर, शाहदरा, राजौरी गार्डन, उत्तम नगर, कमला नगर, कोटला मुबारकपुर, लाजपत नगर जैसे क्षेत्रों में संपत्ति पर रहने वालों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि जरूरत के समय वे संपत्ति कैसे बेचेंगे.
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