![तेल की महंगाई से IndiGo भी बेबस, सरकार से बोली-अब कर दो ये काम!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202203/air_indigo-sixteen_nine.jpg)
तेल की महंगाई से IndiGo भी बेबस, सरकार से बोली-अब कर दो ये काम!
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कच्चे तेल की ऊंची कीमतों ने सस्ती फ्लाइट सर्विस देने वाली एयरलाइंस IndiGo के भी आंसू निकाल दिए हैं, क्योंकि अभी एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के दाम ऊंचाई पर हैं. ऐसे में कंपनी ने सरकार से एटीएफ को लेकर ये काम करने का अनुरोध किया है
विमान उड़ाने वाले ईंधन यानी कि एटीएफ की महंगाई ने IndiGo जैसी एयरलाइंस की भी परेशानी बढ़ा दी है. कंपनी का कहना है कि ईंधन की लागत बढ़ने का उस पर उल्टा असर पड़ रहा है. इसलिए सरकार को अब इसे लेकर ये बड़ा कदम उठाना चाहिए.
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग (Russia-Ukraine War) से कच्चे तेल की कीमतें (Crude Oil Price Rise) लगातार ऊंचाई पर बनी हुई हैं. ये 140 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को छूकर अभी भी 100 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई हैं.
50% से ज्यादा बढ़ गई लागत
बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक IndiGo के सीईओ रणजय दत्ता ने एक बयान में कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में कच्चे तेल की कीमतें 7 साल के उच्च स्तर पर चली गई हैं. बुधवार को एटीएफ के दाम 50% बढ़ने के साथ ही इसकी कीमतों में 50% से ज्यादा का इजाफा हुआ है. इस स्थिति ने हम पर बहुत बुरा असर डाला है. हमारी ऑपरेशनल कॉस्ट का 45% से ज्यादा एटीएफ पर खर्च हो रहा है.
लाए जीएसटी के दायरे में
रणजय दत्ता ने सरकार से एटीएफ को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने का अनुरोध किया है. उनका कहना है कि इससे कंपनी को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलेगा. इस समय ये कदम उठाया जाना बेहद जरूरी है ताकि एयरलाइंस को चलाना व्यावहारिक बना रहे और ग्राहकों के लिए विमान सेवाएं सस्ती बनी रहें. ईंधन पर कर को तार्किक बनाने के कई असर अर्थव्यवस्था, व्यापार, पर्यटन और रोजगार निर्माण को लेकर दिखेंगे.
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