
चंद दिन में ही शटर बंद, इन स्टार्टअप्स ने निवेशकों के पैसों में लगाई आग... दिवालिया होने का एक ही पैटर्न
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पिछले एक दशक में कुछ स्टार्टअप्स ने बड़ी वैल्यूएशन पर निवेशकों से पैसा जुटाने के बाद दिवालिया हो गए. इन स्टार्टअप्स में एक एक जैसा पैटर्न देखने को मिला और निवेशकों के अरबों रुपये खाक हो गए.
पिछला साल स्टार्टअप्स (Startups) के लिए फंडिंग के मामले में विंटर साबित हुआ. स्टार्टअप्स को उनके कारोबार के विस्तार के लिए फंड जुटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा. कई स्टार्टअप्स ने अपने कारोबार समेट लिए. कई ने अपने खर्चों में भारी कटौती की, जिसकी वजह से बड़े पैमाने पर नौकरियां खत्म हुईं. हालांकि, स्टार्टअप्स का दिवालिया हो जाना कोई नई बात नहीं है. हाल ही में वाइस मीडिया ने वेंचर पूंजीपतियों से 1.6 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाने के बाद दिवालियापन के लिए आवेदन दाखिल कर दिया है. वाइस मीडिया अब वित्त पोषित फ्लेमआउट्स के क्लब में शामिल हो गया है.
पिचबुक के डेटा के अनुसार, कंपनियां (चीन को छोड़कर) वेंचर कैपिटल से कम से कम एक अरब डॉलर की फंडिंग जुटाती हैं. इसके बाद फिर वो दिवालिया के लिए आवेदन फाइल कर देती हैं या फिर बंद हो जाती हैं.
इंटरसिया
बोस्टन स्थित इंटारसिया ने फिडेलिटी और एनईए सहित वेंचर पूंजीपतियों से 1.98 अरब डॉलर की रकम जुटाए. एक समय पर ये सबसे अधिक वैल्यूएबल बायोटेक स्टार्टअप था. कंपनी का प्रमुख प्रोडक्ट टाइप II डायबटिज के इलाज के लिए माचिस की साइज का एक इम्प्लांटेबल डिवाइस था. लेकिन कभी भी FDA से इस प्रोडक्ट को मंजूरी नहीं मिल पाई. कंपनी ने 2020 के अंत में दिवालियापन संरक्षण के आवेदन कर दिया. फिर पिछले साल की शुरुआत में FDA के एक और बार इनकार के बाद कंपनी ने अपने हाथ खड़े कर दिए.
एफटीएक्स
क्रिप्टो एक्सचेंज FTX की कहानी बेहद दिलचस्प है. एक समय इस कंपनी के पास एक मिलियन ने से अधिक यूजर्स थे. कंपनी का वैल्यूएशन 32 बिलियन डॉलर था और इसके बाद आश्चर्यजनक रूप से इसका पतन हुआ. दरअसल, कंपनी, जिसने एक क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज और क्रिप्टो हेज फंड का संचालन किया, उसने सिकोइया कैपिटल से लेकर टॉम ब्रैडी तक जैसे बड़े-नाम वाले बैकर्स से 1.97 बिलियन डॉलर जुटाने के बाद पिछले सास नवंबर में दिवालियेपन के लिए आवेदन कर दिया था. कंपनी के फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड पर धोखाधड़ी, साजिश, वित्त कानून के उल्लंघन, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी अधिकारियों की रिश्वतखोरी के 13 आपराधिक मामलों का आरोप लगा था.

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