
कोर्ट ने कहा- बंद कर दो कंपनी, 3 साल पहले तक था बड़ा नाम... बड़ा बिजनेस, अब सबकुछ खत्म!
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Big Bazaar Story: पहले किशोर बियानी ने मुंबई के मॉल को बेचा था, लेकिन अब कंपनी बंद होने जा रही है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई शाखा ने फ्यूचर रिटेल को परिसमापन के लिए स्वीकार कर लिया है.
भारी कर्ज में डूबे फ्यूचर ग्रुप के चेयरमैन किशोर बियानी की आर्थिक हालात खराब है. कभी इनके पास बेशुमार दौलत थी, लेकिन अब हालत ऐसी है कि कंपनी बिकने जा रही है. पहले किशोर बियानी ने मुंबई के मॉल को बेचा था, लेकिन अब कंपनी बंद होने जा रही है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई शाखा ने फ्यूचर रिटेल को परिसमापन के लिए स्वीकार कर लिया है.
परिसमापन एक दिवालियापन प्रक्रिया है जिसका उपयोग किसी सीमित कंपनी को बंद करने के लिए किया जाता है. यह प्रक्रिया तब शुरू की जाती है, जब कंपनी के फिर से खड़े होने की संभावना नहीं दिखाई देती है. बिजनेस टुडे पर छपी खबर इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, संजय गुप्ता को कंपनी का परिसमापक नियुक्त किया गया है. एनसीएलटी ने कंपनी के समाधान पेशेवर विजयकुमार वी अय्यर के आवेदन को स्वीकार किया है.
कंपनी पर इतना भारी कर्ज पीठ ने पाया कि कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) की अधिकतम अवधि समाप्त हो चुकी है और अभी तक लेनदारों की समिति (COC) द्वारा कोई समाधान योजना स्वीकृत नहीं की गई है. खुदरा विक्रेता पर 28,452 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारियां हैं, जिनमें वित्तीय लेनदारों का 14,422 करोड़ रुपये का दावा भी शामिल है. NCLT ने अपने आदेश में कहा कि हमारा मानना है कि यह परिसमापन के लिए उपयुक्त है, लेकिन कॉरपोरेट देनदार को एक चालू व्यवसाय के रूप में बेचने का प्रयास करना चाहिए.
रिलायंस इंडस्ट्रीज से चली थी बात कंपनी के समाधान पेशेवर ने पिछले साल नवंबर में स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया था कि फ्यूचर रिटेल के लिए समाधान योजना को अस्वीकार कर दिया गया है, जिससे कंपनी को परिसमापन के लिए स्वीकार कर लिया गया है. कोविड-19 महामारी के दौरान मुश्किलों का सामना करने वाला फ्यूचर ग्रुप अप्रैल 2022 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 24,713 करोड़ रुपये का सौदा पूरा करने में विफल रहा.
कैसे कंगाल हो गए दिग्गज बिजनेसमैन किशोर बियानी ने सबसे पहले अपने फैमिली बिजनेस से अपने सफर की शुरुआत की. अपने कपड़े के बिजनेस को 1987 में Kishore Biyani ने नया बदलाव किया और रेडीमेड कपड़ों की ओर मोड़ दिया। फ्यूचर ग्रुप ने बिग बाजार का पहला स्टोर साल 2001 में खोला था. साल 2006 तक ये बढ़कर 56 हुए और 2008 तक 116 हो गए. हालांकि, 2008 की मंदी का कंपनी पर बुरा असर पड़ा, लेकिन कंपनी फिर भी ये कंपनी संकट को झेल आई. हर साल इसके नए स्टोर खुल रहे थे, साल 2019 आते-आते इसके कुल 295 स्टोर हो गए. लेकिन साल 2019 के बाद जब स्टोर बंद हुए और भारी कर्ज को चुकाने के लिए पैसे नहीं आ रहे थे तो कंपनी पर भारी संकट आ गया. आलम ये है कि आज फ्यूचर रिटेल कंपनी बंद होने की कगार पर खड़ी है.
रिटेल किंग के तौर पर जाने जाते थे किशोर बियानी

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