
'ए आर रहमान पद्म भूषण, पद्म श्री कलाकारों को कराते हैं घंटों इंतजार', बोले अभिजीत भट्टाचार्य
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सिंगर अभिजीत भट्टाचार्य अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में उन्होंने ऑस्कर विनिंग म्यूजिक डायरेक्टर ए.आर.रहमान पर बात की है. उन्होंने बताया कि म्यूजिक डायरेक्टर पद्म भूषण, पद्म श्री से सम्मानित आर्टिस्ट्स को अपने स्टूडियो में घंटों इंतजार कराते हैं.
ऑस्कर विनिंग म्यूजिक डायरेक्टर ए.आर.रहमान के साथ लगभग हर सिंगर काम करना चाहता है. फिर भले ही वो कोई भाषा का सिंगर क्यों ना हो, उनकी इच्छा यही रहती है कि वो एक बार उनके साथ काम जरूर करें. फिल्म प्रोड्यूसर्स भी अपनी फिल्मों में उनका म्यूजिक इस्तेमाल करने के लिए उत्सुक रहते हैं. लेकिन ए.आर.रहमान के साथ काम करना उतना आसान भी नहीं है.
कैसे हैं म्यूजिक डायरेक्टर ए.आर.रहमान? इस सिंगर ने बताया
हाल ही में सिंगर अभिजीत भट्टाचार्य ने 'न्यूज एजेंसी ANI' के पॉडकास्ट के दौरान ए.आर.रहमान संग काम करने पर बात की है. उन्होंने साल 1999 में 'दिल ही दिल में' नाम की फिल्म के अंदर 'ऐ नाजनीं सुनो ना' नाम का गाना गाया था, जिसका म्यूजिक रहमान ने दिया था. वो पहला और आखिरी मौका था जब अभिजीत और रहमान ने साथ काम किया था. इसके बाद दोनों ने साथ कभी कोलैब नहीं किया.
सिंगर बताते हैं कि रहमान किसी भी आर्टिस्ट्स को अपने स्टूडियो में घंटों इंतजार कराते हैं. कभी-कभी तो वो उनसे मिलते भी नहीं हैं, जिसमें कुछ पद्म श्री से सम्मानित कलाकार भी शामिल होते हैं. अभिजीत का कहना है कि उन्हें म्यूजिक डायरेक्टर की इस बात से काफी दुख पहुंचा था. सिंगर ने कहा, 'रहमान साहब के अंदर क्या है कि मैंने ऐसे-ऐसे पद्म भूषण, पद्म श्री वालों को नीचे उनके स्टूडियो में बेंच पर बैठे हुए देखा है जिनसे मिलने रहमान साहब दो-तीन घंटे तक उतर ही नहीं रहे हैं.'
अभिजीत भट्टाचार्य ने सुनाई ए.आर.रहमान के स्टूडियो की कहानी
अभिजीत आगे बताते हैं कि ए.आर.रहमान का काफी देर तक इंतजार करने के बाद, वो उनके स्टूडियो में गाना रिकॉर्ड करके निकल गए थे. उन्होंने पद्म श्री से सम्मानित कलाकारों के बारे में बताया, 'बड़े-बड़े राइटर्स, सिंगर्स और कम्पोजर्स सब बैठे हैं, एक-दूसरे से गप्पे मार रहे हैं. मैं देख रहा हूं ये पद्म श्री, ये पद्म भूषण. मैंने अपनी घड़ी देखी कि जल्दी करें. जब रहमान साहब नीचे नहीं उतरे, फिर मैं अपना गाना गाकर निकल गया. मैं जिस काम के लिए वहां गया था, वो काम करके निकल गया. तो वो आपको समझना पड़ेगा कि एक पद्म भूषण या पद्म श्री से सम्मानित कलाकार की उनके स्टूडियो में ये इज्जत है.'

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