![Wallis Mathias: पाकिस्तान के पहले गैर-मुस्लिम क्रिकेटर की कहानी... जिनकी फील्डिंग का दुनिया ने माना लोहा](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202502/67a0c3d3a8cbb-20250203-032533259-16x9.jpg)
Wallis Mathias: पाकिस्तान के पहले गैर-मुस्लिम क्रिकेटर की कहानी... जिनकी फील्डिंग का दुनिया ने माना लोहा
AajTak
पाकिस्तान के लिए खेलने वाले पहले गैर-मुस्लिम क्रिकेटर वालिस मैथियास थे. मैथियास ने 20 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू कर लिया था. मैथियास बैटिंग में उतने सफल नहीं हो पाए, लेकिन उन्होंने अपनी फील्डिंग से सुर्खियां बटोरीं.
क्रिकेट इतिहास में सिर्फ 7 गैर-मुस्लिम क्रिकेटर हुए, जिन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर पाकिस्तानी टीम का प्रतिनिधित्व किया. इसमें एक नाम वालिस मैथियास का रहा. मैथियास पाकिस्तान के लिए खेलने वाले पहले गैर-मुस्लिम क्रिकेटर थे. साल 1935 में आज (4 फरवरी) ही के दिन मैथियास कराची के एक ईसाई परिवार में पैदा हुए थे.
डेब्यू पर शानदार पारी, स्लिप के बेहतरीन फील्डर
वालिस मैथियास को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था. स्कूली लेवल पर उन्होंने कराची के फेमस सेंट पैट्रिक हाई स्कूल के लिए शानदार प्रदर्शन किया. मैथियास इतने प्रतिभाशाली थे कि उन्होंने महज 20 साल की उम्र में नवंबर 1955 में ढाका में अपना टेस्ट डेब्यू कर लिया था. न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने डेब्यू पर मैथियास ने बल्ले से प्रभावित किया और पाकिस्तान की पहली पारी में नाबाद 41 रन बनाए.
उम्मीद थी कि वालिस मैथियास आगे चलकर और अच्छा प्रदर्शन करेंगे, लेकिन वो इंटरनेशनल क्रिकेट में मौकों को भुना नहीं पाए. मैथियास का इंटरनेशनल करियर सात सालों (1955-62) तक ही चला. उनका टेस्ट में यादगार प्रदर्शन साल 1958 में वेस्टइंडीज दौरे पर रहा, जहां उन्होंने लगातार दो मैचों में क्रमश: 73 और 77 रनों की पारी खेली थी.
वालिस मैथियास बैटिंग में उतने सफल नहीं हो पाए, लेकिन उन्होंने अपनी फील्डिंग से सुर्खियां बटोरीं. वो स्लिप में अक्सर फील्डिंग करते थे और करियर के दौरान कुछ अद्भुत कैच लपके. मैथियास उस दौर के बेहतरीन स्लिप फील्डरों में गिने जाते थे. तब पाकिस्तानी पेस अटैक भी शानदार हुआ करता था, ऐसे में स्लिप पोजीशन पर फील्डिंग आसान नहीं थी. लेकिन मैथियास के पास असाधारण सजगता थी और वो मुश्किल मौकों को भी आसान बना देते थे.
तेज गेंदबाजों की स्किल तो अक्सर सुर्खियों में रहती है, लेकिन स्लिप कॉर्डन में गुमनाम नायक ही मैच का रुख बदलने में अहम भूमिका निभाते हैं. वालिस मैथियास ने हमेशा ऐसा करके दिखाया. पाकिस्तान के पहले विकेटकीपर इम्तियाज अहमद भी मैथियास की प्रशंसा करते नहीं थकते थे. इम्तियाज ने उन्हें लेकर कहा था, 'वालिस पाकिस्तान के पहले अच्छे स्लिप फील्डर थे, जिन्होंने स्लिप कॉर्डन में माहौल बदल दिया.'
![](/newspic/picid-1269750-20250204004600.jpg)
अगले महीने पाकिस्तान की मेजबानी में ICC चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 होने वाली है. इस टूर्नामेंट की जब शुरुआत हुई थी, तब इसका ऑफिशियल नाम 'ICC नॉकआउट' था. इसका इतिहास 27 साल पुराना है. तीसरा सीजन 2002 में हुआ, तब इसका नाम चैम्पियंस ट्रॉफी रखा गया. इस सीजन में भारतीय टीम और श्रीलंका ने संयुक्त रूप से इसे अपने नाम किया था.