Team India Future: कैसी बनेगी फ्यूचर की टीम इंडिया..? बल्लेबाजों की भरमार, लेकिन तेज गेंदबाजी नहीं दिख रही असरदार
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पिछले 8 टेस्ट मैचों की बात करें तो टीम इंडिया ने 6 टेस्ट मैचों में हार झेली है, जिसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने घर में 0-3 से 'व्हाइटवॉश' भी शामिल है. अब सवाल उठता है कि भविष्य की टीम इंडिया कैसी होगी? वैकल्पिक खिलाड़ियों की सूची देखें तो यह पता चलता है कि टीम के भविष्य के लिए बल्लेबाजी से ज्यादा चिंताजनक स्थिति गेंदबाजी को लेकर है.
ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट सीरीज गंवाने के साथ ही भारतीय टीम अनचाहे मील के पत्थर की ओर बढ़ती जा रही है. घर हो या बाहर... हारने का सिलसिला बरकरार है. पिछले 8 टेस्ट मैचों की बात करें तो टीम इंडिया ने 6 टेस्ट मैचों में हार झेली है, जिसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने घर में 0-3 से 'व्हाइटवॉश' भी शामिल है. अब सवाल उठता है कि भविष्य की टीम इंडिया कैसी होगी? बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन सवालों के घेरे में है. भारतीय टीम के लिए दरवाजा खटखटा रहे खिलाड़ियों की सूची देखें तो यह पता चलता है कि टीम के भविष्य के लिए बल्लेबाजी से ज्यादा चिंताजनक स्थिति गेंदबाजी को लेकर है.
टेस्ट टीम पर कोई भी फैसला हालांकि फरवरी में घरेलू सीजन के खत्म होने या जून में इंग्लैंड दौरे से पहले होगा. भारतीय टीम को अपना अगला टेस्ट जून में इंग्लैंड में खेलना है. ऑस्ट्रेलिया दौरा खत्म होने के बाद भारतीय टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर नजर डालें तो कई फैक्ट्स सामने आते हैं.
खराब फॉर्म से गुजर रहे रोहित शर्मा और विराट कोहली का टेस्ट भविष्य अधर में लटक गया है. राष्ट्रीय चयन समिति के पास इन दोनों की जगह लेने के लिए कुछ अच्छे विकल्प मौजूद है. लेकिन बात जब गेंदबाजी की आती है और खासकर तेज गेंदबाजी की तो बदलाव के दौर से गुजर रही टीम की स्थिति ज्यादा उत्साहजनक नहीं दिख रही है.टीम को जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और ईशांत शर्मा जैसे गेंदबाजों को तैयार करने में काफी समय लग सकता है. मौजूदा गेंदबाज अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन कहीं से भी इन तीनों नामों के करीब नहीं है.
सच तो यह है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बुमराह को दूसरे छोर से साथ नहीं मिला, जिससे उनका वर्कलोड बढ़ गया. वह पीठ में चोट होने के कारण टीम के लिए निर्णायक पांचवें टेस्ट की दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर सके. अगर वह पूरी तरह ठीक होते तो सिडनी की कहानी कुछ और हो सकती थी. मोहम्मद सिराज 36 टेस्ट खेलने के बाद भी मैच का रुख बदलने वाले गेंदबाज नहीं बन पाए हैं. प्रसिद्ध कृष्णा के पास अच्छी गति है, लेकिन वह लगातार सही लाइन-लेंथ पर गेंदबाजी करने में विफल रहते हैं. आकाश दीप और मुकेश कुमार के पास कौशल है, लेकिन खेल के बड़े स्तर पर खुद को साबित करने का उन्हें अभी पर्याप्त मौके नहीं मिले हैं.
घरेलू टूर्नामेंट खास कर रणजी सर्किट में भी देखें तो चयनकर्ताओं के पास इस मामले में अच्छे विकल्पों की कमी है. सबसे बड़ी समस्या बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की है. अर्शदीप सिंह सीमित ओवरों के मैचों में खुद को साबित कर चुके हैं, लेकिन लाल गेंद से उतने प्रभावी नहीं रहे हैं. यश दयाल और खलील अहमद भी भरोसा हासिल करने वाला प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं.
सिडनी टेस्ट में भारतीय टीम की बल्लेबाजी एक बार फिर फ्लॉप साबित हुई. पहली पारी में टीम इंडिया मात्र 185 रनों पर सिमट गई. ऋषभ पंत ने सर्वाधिक 40 रन बनाए, लेकिन वह भी गलत शॉट खेलकर आउट हो गए. रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में भी टीम प्रदर्शन में सुधार नहीं कर पाई. कल के खेल से भारत को कितनी उम्मीदें हैं? देखें खास शो.