'SUV गाड़ियों को न दें बढ़ावा', जानिए Global NCAP के चीफ ने क्यों कही ये बात
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ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल NCAP) के कार्यकारी अध्यक्ष डेविड वार्ड ने कहा कि, "रोड एक्सीडेंट के मामले में टॉप लिस्ट में रहने वाले देश भारत को स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (SUV) के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका (US) के रास्ते को अपनाने से बचना चाहिए.
भारत में स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल्स (SUV) की डिमांड काफी ज्यादा है जो कि समय के साथ और भी तेजी से बढ़ रही है. SUV वाहनों के अलग-अलग रूप जितने भारतीय बाजार में देखने को मिलते हैं उतना शायद ही किसी और मुल्क में हो. भारतीय ग्राहकों को मिनी, माइक्रो, कॉम्पैक्ट, मिड-साइज और फुल-साइज सहित कई अलग-अलग साइज में SUV को चुनने का मौका मिलता है. बड़ी साइज की SUV की इस बढ़ती डिमांड और प्रमोशन को लेकर ग्लोबल NCAP के चीफ डेविड वार्ड ने एक बड़ी बात कही है, उन्होनें इसे रोड सेफ्टी के लिए बुरी ख़बर बताया है.
सड़क दुर्घटनाओं के मामले में भारत टॉप रैंकिंग वाले देशों में से एक है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा जारी किए गए नए आंकड़ों के अनुसार, देश में रोड एक्सीडेंट में हर 3 मिनट में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो जाती है, साल 2022 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 1,55,781 लोगों की जान चली गई और 4,43,366 लोग घायल हो गए. ऐसे में सड़क पर यात्रियों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल है.
क्या बोले ग्लोबल NCAP चीफ:
इसी बीच ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल NCAP) के कार्यकारी अध्यक्ष डेविड वार्ड ने कहा कि, "रोड एक्सीडेंट के मामले में टॉप लिस्ट में रहने वाले देश भारत को स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (SUV) के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका (US) के रास्ते को अपनाने से बचना चाहिए क्योंकि वे अन्य छोटी कारों, पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों के लिए सड़कों को कम सुरक्षित बनाते हैं."
ये बात डेविड वार्ड ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार की साझेदारी और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक सहयोग से इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (IRTE) द्वारा नई दिल्ली में आयोजित 3 दिवसीय 'ग्लोबल रोड सेफ्टी इनिशिएटिव' कार्यक्रम के दौरान कही. डेविड वार्ड ने साफ तौर पर कहा कि, "अगर इंडियन ऑटो इंडस्ट्री एसयूवी के आकार और वजन के मामले में अमेरिकी उदाहरण का अनुसरण करता है तो यह एक बड़ी गलती होगी. हमारे क्लाइमेट टार्गेट्स और रोड सेफ्टी के लिए, वाहन का आकार पहले से कहीं अधिक मायने रखता है."
उन्होनें कहा कि, "विभिन्न देशों में किए गए हालिया अध्ययनों से पता चला है कि कार इंडस्ट्री का हर सेगमेंट में बड़ी और भारी एसयूवी बेचने का निरंतर प्रयास सड़क सुरक्षा के लिए बुरी खबर है, विशेष रूप से छोटे, इफिशिएंट वाहन चलाने वालों और छोटी कारों के यूजर्स के लिए. भारत जैसे देशों के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सरकार बाजार को ऐसे वाहनों को प्रोत्साहित करे जो ज्यादा सेफ हों.''
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