Resident Doctors' Strike: जिन्हें देवदूत बताया, उन डॉक्टरों के साथ क्यों हुई बदसलूकी? जानें पूरा मामला
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देश की राजधानी दिल्ली में कई सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर पिछले 12 दिन से हड़ताल पर हैं. ये वो डॉक्टर हैं, जिन्होंने डोनेशन देकर नहीं बल्कि अपनी प्रतिभा के दम पर MBBS की सीट और डिग्री हासिल की. ये वो डॉक्टर हैं जो सरकारी अस्पतालों में गरीब जनता, आम आदमी का इलाज करते हैं. कोरोना काल में इन्हीं डॉक्टरों को देवदूत बताया गया और इन पर फूल बरसाए गए. लेकिन अब यही डॉक्टर प्रदर्शन करने को लाचार हैं. बताया जा रहा है कि पुलिस और डॉक्टर की पहली झड़प दिल्ली में ITO के पास हुई. उसके बाद जब सफदरजंग अस्पताल से बड़ी संख्या में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के घर की ओर बढ़ रहे थे तब दिल्ली पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया. आखिर डॉक्टरों को हड़ताल की जरुरत क्यूं पड़ी है? देखें इस वीडियो में.
महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.