अडानी को एक साथ 3 झटके, 600 मिलियन डॉलर जुटाने का प्लान कैंसिल, केन्या डील भी रद्द और...
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Gautam Adani के लिए अमेरिका में जांच और आरोपों की खबर बड़े झटके देने वाली साबित हुई है. एक ओर जहां उनकी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली, तो बॉन्ड के जरिए 600 मिलियन डॉलर जुटाने का प्लान भी कैंसिल हो गया.
बीते साल अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) का प्रकोप झेलने के बाद भारतीय अरबपति गौतम अडानी (Gauatam Adani) पर एक बार फिर अमेरिकी बम फूटा है. अमेरिकी न्याय विभाग और SEC ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी को एक सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत ऑफर की. इस खबर के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों में जैसे सुनामी आ गई और ये 20 फीसदी तक टूट गए. US से आई इस खबर से एक नहीं, बल्कि गौतम अडानी को तीन झटके लगे हैं. आइए जानते हैं कैसे और कहां-कहां?
क्यों अमेरिका में घिरे गौतम अडानी? सबसे पहले बात कर लेते हैं अमेरिका में गौतम अडानी किन आरोपों में घिरे हैं. तो बता दें कि अमेरिका में न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में सुनवाई के दौरान गौतम अडानी की कंपनी पर US में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को मोटा रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है. आरोप है कि 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल को ये सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए गलत रूट से भारतीय अधिकारियों 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) को रिश्वत दी गई.
यही नहीं, कहा जा रहा है कि रिश्वत वाली बात अमेरिकी कंपनी यानी एज्योर पावर ग्लोबल से छुपाई गई. इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए 20 साल में दो अरब डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान लगाया गया था और इसका लाभ लेने के लिए झूठे दावे करते हुए लोन और बॉन्ड्स जुटाए गए.
पहला झटका- शेयरों में सुनामी अमेरिका में जांच और आरोपों की खबर का पहला असर Adani Group के शेयरों पर दिखाई दिया, जो ठीक वैसा ही था, जैसा कि Hindenburg की रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद बीते साल जनवरी 2023 में दिखा था. अडानी के तमाम शेयर 20 फीसदी तक टूट गए और कई में लोअर सर्किट लगा. बीते कारोबारी दिन गुरुवार को ही कंपनियों के स्टॉक्स बिखरने के चलते उन्हें 2.5 लाख करोड़ रुपये का तगड़ा घाटा हुआ, तो वहीं शुक्रवार को भी कंपनी के कई शेयरों ने गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की. देखा जाए तो इन दो दिनों में अडानी ग्रुप का मार्केट कैप करीब 3 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है. इसका असर Gautam Adani Net Worth पर भी दिखा है, ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, ये कम होकर 85.5 अरब डॉलर रह गई है.
दूसरा झटका- 600 मिलियन जुटाने का प्लान कैंसिल अब बात करते हैं अमेरिकी जांच की खबर के दूसरे असर की, तो बता दें कि रिश्वतखोरी मामले में न्यूयॉर्क की कोर्ट ने गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी समेत 7 लोगों पर अरबों डॉलर की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगाए हैं. उनपर भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलरकी घूस देने का दावा किया गया है. इसके बाद अडानी ग्रुप ने बॉन्ड के जरिए फंड जुटाने की अपनी योजना को कैंसिल कर दिया. गौरतलब है कि Gautam Adani की कंपनी की बॉन्ड के जरिए 60 करोड़ डॉलर जुटाने की योजना बनाई थी, लेकिन अमेरिका में लगे आरोपों के बाद ग्रुप ने स्टेटमेंट जारी कर इस प्लान को रद्द करने का ऐलान कर दिया. बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद भी Adani Group ने अपने FPO के जरिए 20000 करोड़ रुपये जुटाने के प्लान को कैंसिल किया था.
तीसरा झटका- केन्या के साथ डील रद्द गौतम अडानी को तीसरा झटका केन्या (Kenya) से लगा है. जिसने अडानी ग्रुप के साथ अपनी दो बड़ी डील कैंसिल कर दी हैं. इनमें पहले रद्द किए गए सौदे की कीमत 700 मिलियन डॉलर थी, जिसमें पावर ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण शामिल था. वहीं दूसरे सौदे की कीमत 1.8 अरब डॉलर थी, जो एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए था. बता दें कि इन कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए कॉम्पटीशन करने वाली एक चीनी कंपनी थी. हालांकि, एनालिस्ट्स का कहना है कि केन्या के द्वारा रद्दीकरण की वजह चीन समर्थित अमेरिकी डीप-स्टेट संस्थाओं द्वारा गढ़े गए भू-राजनीतिक नैरेटिव्स कदम हो सकते हैं.
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