कौन होगा महाराष्ट्र का अगला CM? नतीजों से पहले महायुति और MVA के घटक दलों में छिड़ी जुबानी जंग
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महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में मतदान में हुई वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए दारकर ने मतदान को प्रोत्साहित करने के लिए जमीनी स्तर पर अभियान चलाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को श्रेय दिया. चुनाव आयोग के अनुसार, महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अंतिम मतदान 66.05 प्रतिशत रहा, जो 2019 में 61.1 प्रतिशत था. दारकर ने कहा कि महायुति सरकार की 'लड़की बहन योजना' ने महिला मतदाताओं को आकर्षित किया है.
महाराष्ट्र में वोटों की गिनती से पहले ही सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच इस बात को लेकर मतभेद सामने आने लगा है कि अगली सरकार का नेतृत्व कौन करेगा. कारण, दोनों खेमों के घटक दल मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा पेश कर रहे हैं. दरअसल, 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए बुधवार शाम को मतदान पूरा होने के बाद सत्तारूढ़ और विपक्षी मोर्चों ने दावा करना शुरू कर दिया है कि 23 नवंबर को वोटों की गिनती होने पर जनादेश उनके पक्ष में होगा.
मतदान के तुरंत बाद राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने दावा किया कि उनकी पार्टी के नेतृत्व में महाराष्ट्र में एमवीए सरकार बनेगी. उन्होंने कहा कि मतदान के रुझान से पता चलता है कि कांग्रेस को नई विधानसभा में अधिकतम सीटें मिलेंगी. उनकी यही टिप्पणी सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) को पसंद नहीं आई, जिसके नेता संजय राउत ने गुरुवार को जोर देकर कहा कि एमवीए के बहुमत हासिल करने के बाद सभी गठबंधन साझेदार मिलकर मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय करेंगे.
राज्यसभा सांसद राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस आलाकमान ने पटोले से कहा है कि वह सीएम का चेहरा होंगे तो राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और इसके शीर्ष नेताओं राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को इसकी घोषणा करनी चाहिए.
कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) से मिलकर बने एमवीए और भाजपा, शिवसेना और एनसीपी से मिलकर बने महायुति ने विश्वास जताया है कि शनिवार को वोटों की गिनती के बाद उनका संबंधित गठबंधन अगली सरकार बनाएगा.
'शिंदे होंगे अगले सीएम'
अधिकांश एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है कि महायुति सत्ता में बनी रहेगी. वहीं कुछ एग्जिट पोल एमवीए के पक्ष में नजर आया. महायुति की ओर से शिवसेना विधायक और पार्टी प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के चेहरे पर लड़ा गया है. शिरसाट ने कहा, "मतदाताओं ने मतदान के माध्यम से शिंदे के लिए अपनी प्राथमिकता दिखाई है. मुझे लगता है कि यह शिंदे का अधिकार है (अगला सीएम बनना) और हमें विश्वास है कि वह अगले सीएम होंगे."
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महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में मतदान में हुई वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए दारकर ने मतदान को प्रोत्साहित करने के लिए जमीनी स्तर पर अभियान चलाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को श्रेय दिया. चुनाव आयोग के अनुसार, महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अंतिम मतदान 66.05 प्रतिशत रहा, जो 2019 में 61.1 प्रतिशत था. दारकर ने कहा कि महायुति सरकार की 'लड़की बहन योजना' ने महिला मतदाताओं को आकर्षित किया है.
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