केस और ग्रैंड ज्यूरी के नोटिस के बाद अब अडानी केस में आगे क्या-क्या होगा? जानिए अमेरिकी कानून की प्रक्रिया
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अमेरिका में अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं. अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अडानी और अन्य पर सरकारी ऊर्जा का ठेका हासिल करने के लिए 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वतखोरी की योजना बनाने का आरोप लगाया है. हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को निराधार बताया है. अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर और छह अन्य के खिलाफ आरोप लगाया है.
बिजनेस टाइकून गौतम अडानी एक बार फिर मुश्किलों से घिर गए हैं. इस बार अमेरिका की एक अदालत ने गौतम अडानी समेत आठ लोगों को धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के मामले में आरोपी बनाने का फैसला किया है और गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों से पैसे जुटाए और उन पैसों से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत ऑफर की. ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की कंपनी को 2 बिलियन डॉलर यानी भारतीय रुपयों में करीब 16 हजार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है.
सवाल उठ रहा है कि केस दर्ज होने और ग्रैंड ज्यूरी से नोटिस मिलने के बाद अडानी मामले में अब अमेरिकी अदालत में आगे क्या होगा? क्या अडानी की गिरफ्तारी होगी या कोर्ट में पेशी? आइए अमेरिकी कानून के नजरिए से पूरा मामला समझते हैं?
अडानी ग्रुप पर क्या आरोप?
ये पूरा मामला सोलर एनर्जी के कुछ प्रोजेक्ट्स से जुड़ा है. दिसंबर 2019 से जुलाई 2020 के बीच भारत सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने लेटर ऑफ अवार्ड जारी किए, जिसे आम भाषा में एग्रीमेंट या समझौता कहते हैं. ये लेटर ऑफ अवॉर्ड जिन दो कंपनियों के लिए जारी हुए, उनमें एक कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड है. दूसरी कंपनी मॉरिशस की एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड है.
आरोप है कि दोनों कंपनियों का एक-दूसरे के साथ अनौपचारिक करार था और साल 2019 और 2020 में भारत सरकार ने इन दोनों कंपनियों को कुल 12 GIGA-WATT की सोलर एनर्जी का उत्पादन करने की इजाजत दी थी.
इनमें 8 GIGA-WATT की सोलर एनर्जी का उत्पादन अडानी की कंपनी को करना था और 4 GIGA-WATT की सोलर एनर्जी का उत्पादन एज्योर कंपनी को करना था. उस समय अडानी ने खुद इसे दुनिया का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी एग्रीमेंट बताया था. हालांकि, बाद में यही एग्रीमेंट उनके चुनौती लिए बना और अब संकट लेकर आ गया है.
अमेरिका में अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं. अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अडानी और अन्य पर सरकारी ऊर्जा का ठेका हासिल करने के लिए 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वतखोरी की योजना बनाने का आरोप लगाया है. हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को निराधार बताया है. अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर और छह अन्य के खिलाफ आरोप लगाया है.