अमेरिका में अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों से एक दिन में डूबे 5.35 लाख करोड़, संसद सत्र से पहले फिर छिड़ा सियासी घमासान
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गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
भारतीय अरबपति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका में गंभीर आरोप लगाए गए हैं. अमेरिका की कोर्ट ने गौतम अडानी समेत 8 लोगों को धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के मामले में आरोपी बनाने का फैसला किया है. इन आठ आरोपियों में गौतम अडानी के अलावा सागर अडानी (अडानी ग्रीन कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर) और गौतम अडानी के भाई राजेश अडानी के बेटे शामिल हैं, उनकी उम्र 30 साल है. इनमें विनीत जैन का भी नाम है, जो अडानी ग्रुप के पूर्व CEO हैं. इस मामले को लेकर जमकर हंगामा हो रहा है, विपक्ष हमलावर है, 25 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सियासी घमासान छिड़ गया है. बता दें कि पहले भी हिंडनबर्ग से जुड़े मुद्दे को लेकर संसद में हंगामा हुआ था.
दरअसल, गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई. रिश्वत का ये पैसा एक ऐसी कंपनी से जुड़ा था, जो अमेरिका के स्टॉक मार्केट में लिस्टेड थी, इसलिए अमेरिका में इसकी जांच हुई और न्यूयॉर्क की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने अब उन्हें इस मामले में आरोपी बनाने का फैसला किया है.
भारत में इस मामले पर बहुत ज्यादा राजनीति हो रही है. सिर्फ एक आरोप से भारत के शेयर बाज़ार में लोगों के 5 लाख 35 हज़ार करोड़ रुपये डूब गए हैं, जो देश के सालाना रक्षा बजट के बराबर है. ऐसा कभी नहीं हुआ, जब इस तरह की खबर से भारत के शेयर बाज़ार को हर मिनट 1 हज़ार 115 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ हो.
भारत के शेयर बाज़ार में बहुत बड़ा विस्फोट हुआ है और इससे अडानी ग्रुप की कम्पनियों को 2 लाख 20 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस खबर से पहले अडानी ग्रुप की कम्पनियों की मार्केट वैल्यू 14 लाख 31 हज़ार करोड़ रुपये थी, जो अब 12 लाख 10 हज़ार करोड़ रुपये रह गई है. गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 22वें स्थान से 25वें स्थान पर आ गए हैं.
इस मामले की जांच अमेरिका क्यों कर रहा है?)
ये पूरा मामला सोलर एनर्जी के कुछ प्रोजेक्ट्स से जुड़ा है, दिसंबर 2019 से जुलाई 2020 के बीच भारत सरकार की एक कम्पनी ने लेटर ऑफ अवार्ड जारी किए, जिसे आम भाषा में एग्रीमेंट या समझौता कहते हैं. भारत सरकार की इस कम्पनी का नाम है- सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड. ये लेटर ऑफ अवार्ड जिन दो कम्पनियों के लिए जारी हुए, उनमें एक कम्पनी गौतम अडानी की है, जिसे अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड कहते हैं, दूसरी कम्पनी मॉरिशस की है, जिसे ऐज़यॉर पावर ग्लोबल लिमिटेड कहते हैं. आरोप है कि इन दोनों कम्पनियों का एक-दूसरे के साथ अनौपचारिक करार था और वर्ष 2019 और 2020 में भारत सरकार ने इन दोनों कम्पनियों को कुल 12 गीगावॉट की सोलर एनर्जी का उत्पादन करने की इजाज़त दी थी.
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