'RBI के रेपो रेट बढ़ाने से नहीं, बल्कि इस बात से हुई हैरानी...', बोली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
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भारतीय रिजर्व बैंक के अचानक से रेपो रेट बढ़ाने को लेकर सभी हैरत में हैं. इसे लेकर अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पहला बयान आया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)ने बुधवार को जब अचानक से रेपो रेट (Repo Rate)बढ़ा दिया, तो सभी हैरत में पड़ गए. अगस्त 2018 से स्थिर बनी इस नीतिगत ब्याज दर में आरबीआई ने 4 मई को 0.40% की बढ़ोतरी कर दी और ये अब 4.40% हो गई है. अब इसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की भी पहली प्रतिक्रिया आई है.
दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें RBI के नीतिगत ब्याज दर बढ़ाने से कोई हैरानी नहीं हुई. बल्कि इसकी टाइमिंग से हुई है, क्योंकि इसे मौद्रिक नीति समिति की दो बैठकों (MPC Meet) के बीच किया गया. उन्होंने कहा कि पिछली बैठक के बाद केंद्रीय बैंक ने संकेत दिए थे कि महंगाई को लेकर अब कुछ काम करने का वक्त आ गया है. इस बार आरबीआई ने ये फैसला दुनिया के अन्य केंद्रीय बैंकों के साथ कदमताल करते हुए किया.
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की वजह महंगाई का दबाव, कच्चे तेल के बढ़ते भाव और रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) से उपजे वैश्विक हालात को बताया है. RBI के इस तरह अचानक से रेपो रेट बढ़ाने की बात कई बाजार एनालिस्टों को हजम नहीं हुई थी.
आरबीआई के इस फैसले को दुनिया के अन्य केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर बढ़ाने के फैसले से जोड़कर देखा जा रहा है. जिस दिन RBI ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की, उसी दिन अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक ने भी ब्याज दरें बढ़ा दी. जबकि ऑस्ट्रेलिया भी ऐसा कर चुका है. इसे लेकर सीतारमण ने कहा कि वह इसे दुनिया के केंद्रीय बैंकों के बीच बेहतर समन्वय के तौर पर देखती हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कहा कि आरबीआई के ब्याज दर बढ़ाने के फैसले का असर सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश पर नहीं पड़ेगा. भले पूंजी की लागत बढ़ गई है, लेकिन सरकार अपनी योजनाओं पर काम करती रहेगी.
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