POCO X3 Pro Review: क्या ये मिड रेंज सेग्मेंट का बेस्ट गेमिंग फोन है?
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POCO X3 Pro Review: ये फोन मिड रेंज सेग्मेंट का है. गेमिंग के लिए अगर आप ज्यादा महंगा फोन नहीं लेना चाहते तो ये लिया जा सकता है. लेकिन इससे पहले ये रिव्यू पढ़ लें.
POCO X3 Pro Review: ये स्मार्टफोन जैसा की नाम से आप समझ रहे होंगे POCO X3 का नया वर्जन है. दूर से देखने में भी ये स्मार्टफोन POCO X3 जैसा ही लगता है. हालांकि यूज करने पर आप फर्क आराम से समझ सकेंगे. हफ्ते भर यूज करने के बाद हम आपको इस फोन का रिव्यू बताते हैं. POCO X3 एक मिड रेंज सेग्मेंट का स्मार्टफोन है. इस फोन गेमिंग के लिए अच्छा बताया जा रहा है. आइए जानतें है कि ये फोन किन-किन एंगल से बढ़िया है और इसकी कमियां क्या हैं. POCO X3 Pro: डिजाइन और बिल्ड क्वॉलिटी के मामले में कैसा है?Redmi A4 5G Price in India: शाओमी ने भारत में अपना नया स्मार्टफोन लॉन्च कर दिया है, जो ब्रांड का सबसे सस्ता 5G फोन है. कंपनी ने Redmi A4 5G को लॉन्च किया है, दो दमदार फीचर्स के साथ 9 हजार रुपये से कम के बजट में आता है. इसमें 50MP के मेन लेंस वाला डुअल रियर कैमरा और 5160mAh की बैटरी दी गई है. आइए जानते हैं इसकी डिटेल्स.
बीते कुछ सालों में, Artificial Intelligence ने कई sectors को revolutionize कर दिया है, और education field पर भी इसका बड़ा असर हुआ है. AI-powered technologies के development के साथ, हमारे सीखने और सिखाने के तरीके में बड़ा transformation हो रहा है. India में, जहां education system vast और diverse है, AI, students के education पाने के तरीके को नया रूप देने में बड़ा रोल निभा सकता है. आइए जानते हैं कि AI teachers भारत में education system को कैसे बदल सकते हैं, और इस बदलाव का students, teachers और पूरे देश पर क्या असर हो सकता है.
यदि आपका बच्चा पढ़ना-लिखना पसंद नहीं करता है तो ज्योतिषी प्रवीण मिश्र के उपाय का पालन कर इसे दूर कर सकते हैं. भगवान कृष्ण को मिसरी और तुलसी दल का भोग लगाकर प्रतिदिन बच्चे को खिलाएं. बच्चे के पढ़ाई के स्थान पर हरे रंग की चीजें ज्यादा रखें. बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें. घी का दीपक जला कर आरती करें. भगवान गणेश से प्रार्थना करें.
जेेएनयू के टीचर्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि इससे पहले भी TISS ने मुंबई में इसी तरह की एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें प्रो. पंडित ने हिस्सा लिया था. हालांकि, पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है और यह आरोप है कि सेमिनार में दी गई प्रस्तुतियों का इस्तेमाल कुछ राजनीतिक संगठनों ने प्रवासन के पैटर्न को 'अवैध' साबित करने के लिए किया.