Kalashtami 2021: कालाष्टमी आज, जानें भगवान काल भैरव की पूजा का महत्व और विधि
Zee News
आज भगवान काल भैरव को समर्पित कालाष्टमी है. भैरव बाबा को भगवान शिव का रूप माना जाता है. कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा करने का महत्व क्या है और किस विधि से पूजा करनी चाहिए, इस बारे में यहां जानें.
नई दिल्ली: हिंदू पंचांग (Panchang) के अनुसार हर महीने के कृष्ण की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी () मनाई जाती है. वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष के कालाष्टमी का व्रत 3 मई सोमवार को है. इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि काल भैरव, भगवान शिव के रूद्र स्वरूप (Lord Shiv rudra swarup) हैं. काल भैरव के 8 स्वरूप माने गए हैं जिसमें से भगवन बटुक भैरव (Batuk Bhairav) की पूजा आम लोगों के लिए लाभकारी मानी गई है क्योंकि बटुक भैरव को काल भैरव का सौम्य स्वरूप माना जाता है. कालाष्टमी का महत्व और पूजा विधि के बारे में यहां जानें. ऐसी मान्यता है कि भगवान काल भैरव () सभी प्रकार की परेशानियों को दूर करते हैं. ऐसे मं कालाष्टमी के दिन व्रत रखने और काल भैरव की पूजा करने से साधक को किसी भी तरह के भय, शत्रु और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है. जटिल बीमारियों को भी दूर करने में (Keeps disease away) काल भैरव की पूजा महत्वपूर्ण माना जाती है. साथ ही किसी भी तरह का वाद विवाद, कोर्ट कचहरी के मामलों से छुटकारा पाने में भी भगवान काल भैरव आपकी मदद कर सकते हैं. इनकी पूजा अर्चना करने से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और राहु केतु के बुरे दोष (Rahu ketu dosh) से भी मुक्ति मिलती है.