ITR Filing Last Date: आज रात 11:59 बजे तक ही मौका, चूके तो लग सकता है भारी जुर्माना!
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दरअसल यह मौका चूक जाने के बाद रिटर्न भर पाने की एक मात्र सूरत बचती है कि आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस मिले. इससे पहले 31 मार्च 2022 तक इनकम टैक्स एक्ट 139(1) के तहत बिलेटेड आईटीआर भरने का मौका दिया गया.
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने का आखिरी मौका चंद घंटों में हाथों से निकलने वाला है. अगर कोई टैक्सपेयर (Taxpayer) इस मौके का भी फायदा नहीं उठा पाया तो फिर वह वित्त वर्ष 2020-21 का इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल नहीं कर पाएगा. इतना ही नहीं बल्कि यह मौका चूकने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) से भारी-भरकम जुर्माना लगने का भी खतरा होगा.
वित्त वर्ष 2020-21 (FY21) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन (ITR Deadline) बहुत पहले समाप्त हो चुकी है. रिटर्न फाइल (Return Filing) करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2021 ही थी. हालांकि इसके बाद भी हल्के जुर्माने के साथ रिटर्न फाइल करने का मौका टैक्सपेयर्स को दिया गया, जो चंद घंटों में समाप्त होने वाला है. 31 दिसंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न भर पाने में नाकामयाब रहे लोगों को मामूली जुर्माना देकर 31 मार्च 2022 तक बिलेटेड रिटर्न (Belated Return) भरने का मौका दिया गया. यह मौका रात के 12 बजते ही समाप्त हो जाएगा और इसके बाद रिटर्न भरने के सारे रास्ते बंद हो जाएंगे.
टैक्सपेयर्स के मन में एक स्वाभाविक सवाल उठता है कि अगर यह मौका भी चूक गए, तब क्या होगा? दरअसल यह मौका चूक जाने के बाद रिटर्न भर पाने की एक मात्र सूरत बचती है कि आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस मिले. इससे पहले 31 मार्च 2022 तक इनकम टैक्स एक्ट 139(1) के तहत बिलेटेड आईटीआर भरने का मौका दिया गया. इस व्यवस्था में आप 234F धारा के तहत 5000 रुपये की पेनाल्टी देकर रिटर्न भर सकते हैं. पहले ऐसे मामलों में 10 हजार रुपये की पेनाल्टी लगती थी. जिन टैक्सपेयर्स की आमदनी 5 लाख रुपये तक है, उन्हें 1000 रुपये की पेनाल्टी भरनी पड़ती है. इनकम 2.50 लाख रुपये से भी कम होने पर पेनाल्टी का प्रावधान नहीं है.
जो टैक्सपेयर्स बीलेटेड आईटीआर भी नहीं भर पाए, वे सिर्फ तभी फाइल कर पाएंगे जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कोई स्क्रूटनी करेगा. स्क्रूटनी के भी 2 तरीके हैं. पहली स्क्रूटनी 142(1) के तहत होती है और इसमें असेसमेंट ऑफिसर नोटिस भेजकर आईटीआर भरने को कहता है. यह तरीका उन लोगों के लिए है, जिनकी इनकम टैक्सेबल नहीं है लेकिन उनके पास विदेश में कोई संपत्ति होती है. इसमें कोई जुर्माना नहीं लगता है.
स्क्रूटनी का दूसरा तरीका टैक्सपेयर्स के लिए बुरे सपने सरीखा है. सेक्शन 148 के तहत होने वाली इस स्क्रूटनी में तब नोटिस भेजा जाता है, जब असेसमेंट अधिकारी को लगता है कि आपने जानबूझकर रिटर्न नहीं भरा है, ताकि आप टैक्स से बच सकें. ऐसे मामलों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भारी-भरकम जुर्माना लगाता है. इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार, ऐसी स्थिति में लगने वाला जुर्माना 50 फीसदी से लेकर 200 फीसदी तक हो सकता है.
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