IND vs AUS, Virat Kohli: कवर ड्राइव खेलना मजबूरी या कुछ और... सचिन तेंदुलकर से क्यों नहीं सीख रहे विराट कोहली? कहीं ये तो वजह नहीं
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विराट कोहली जैसी गलती कर रहे हैं, ऐसा ही कुछ 2003-04 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर सचिन तेंदुलकर कर रहे थे. सचिन बार-बार बाहर जाती गेंद पर अपना विकेट गंवा दे रहे थे. कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कुल 9 पारियों में 190 रन बना सके.
विराट कोहली क्रिकेट जगत के किंग हैं... मगर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) 2024-25 में उनके बैटिंग आंकड़े काफी शर्मनाक रहे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में भी वही नजारा देखने को मिला, जिसके फैन्स आदी हो चुके हैं. किंग कोहली दूसरी पारी महज 6 रन बनाकर आउट हुए. तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड की बाहर जाती बॉल पर कोहली बल्ला अड़ा बैठे और विकेट गंवा दिया. दूसरी स्लिप पर स्टीव स्मिथ ने उनका कैच पकड़ा. कोहली पांचवीं बार टेस्ट क्रिकेट में इस तेज गेंदबाज का शिकार बने.
एक ही पैटर्न पर बार-बार गंवा रहे विकेट
सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में भी कोहली का आउट होने को पैटर्न पुराना ही था. यानी ऑफ-स्टम्प की बाहर की बॉल पर कवर ड्राइव मारने की कोशिश में विकेट गंवाना. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा सीरीज में कोहली कुल 8 बार ऑफ स्टम्प की दिशा की गेंद को खेलने के चक्कर में विकेट के पीछे आउट हुए. खास बात यह है कि कोहली इसके अलावा किसी और दूसरे तरीके से इस सीरीज में आउट नहीं हुए. बता दें कि कोहली ने पर्थ टेस्ट में शतकीय पारी (100*) खेली थी, जिसमें वो नॉटआउट रहे थे.
विराट कोहली इस पूरी सीरीज में जिस तरह आउट हुए हैं, उसने फैन्स के साथ-साथ भारतीय टीम की उम्मीदें भी तोड़ीं. कोहली कम से कम अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर से सीख ले सकते थे. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने साल 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर ही नॉटआउट 241 रन बनाए थे. उस ऐतिहासिक पारी के दौरान मास्टर ब्लास्टर ने कवर ड्राइव खेलने से काफी परहेज किया था.
विराट कोहली उस पारी से सीख नहीं ले पा रहे हैं. सचिन तेंदुलकर के पास अपर कट, स्क्वायर कट वगैरह शॉट थे, जिसके चलते उन्होंने कवर ड्राइव के बिना भी सिडनी में आसानी से रन बना लिए. कोहली भी ऐसे शॉट्स खेलने की काबिलियत रखते हैं, लेकिन वो ऐसे शॉट्स ट्राई भी नहीं कर रहे हैं. यदि कोहली ऐसे शॉट्स ट्राई करें तो शायद उनकी ये कमजोरी छू मंतर हो जाए. अभी तो वो कवर ड्राइव के लालच में ही अपना विकेट गंवा रहे हैं क्योंकि ये उनका फेवरेट शॉट है. इंटरनेशनल क्रिकेट में इस शॉट के दम पर उन्होंने ढेरों रन बनाए हैं. ये अलग बात है कि पिछले कुछ समय से कवर ड्राइव ही उनकी 'कमजोरी' बन गई है.
जो गलती अभी विराट कोहली कर रहे हैं, ऐसा ही कुछ 2003-04 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर सचिन तेंदुलकर कर रहे थे. सचिन बार-बार बाहर जाती गेंद को खेल रहे थे और ड्राइव लगाते वक्त अपना विकेट गंवा दे रहे थे. उसके बाद सिडनी का टेस्ट मैच आया, जहां सचिन तेंदुलकर ठान कर आए थे कि वो कवर ड्राइव खेलने से परहेज करेंगे. सचिन तेंदुलकर की 241* रनों की उस पारी को देखें, तो पूरी इनिंग्स में कुछ ही शॉट ऐसे रहे, जो कवर की तरफ आए. बाकी सभी शॉट सचिन ने ऑन साइड की ओर जड़े थे. सचिन ने बाद में खुद इस बात को माना था कि ऑस्ट्रेलियाई बॉलर उन्हें बाहर बॉल डालकर परेशान कर रहे थे, ऐसे में उन्होंने कवर ड्राइव नहीं खेलने का फैसला किया.
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