
BT MindRush: विदेशी निवेशक क्यों निकाल रहे हैं शेयर बाजार से पैसे? NSE प्रमुख ने बताया एक-एक कारण
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NSE CEO आशीष चौहान ने बीटी माइंडरस में बोलते हुए टेक्नोलॉजी ने शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए प्रोसेस आसान किया है और इसका असर शेयर बाजार निवेशकों की संख्या पर देखने को मिला है.
BT MindRush का आयोजन शनिवार मुंबई में आयोजित किया गया. बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में हुए इस कार्यक्रम में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के सीईओ-एमडी आशीष चौहान (Ashish Chauhan) भी शामिल हुए और उन्होंने छोटे शेयर बाजार निवेशकों के भारतीय बाजार (Indian Stock Market) पर बढ़ते भरोसे के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ के होने वाले असर समेत कई मुद्दों पर बात की. बिजनेस टुडे के एडिटर सिद्धार्थ जराबी के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद छोटे निवेशकों (Small Investors) का भरोसा बढ़ा है. उन्होंने लंबे समय से विदेशी निवेशकों की जारी बिकवाली को लेकर कहा कि FIIs जल्द वापसी करेंगे.
11 करोड़ लोग कर रहे शेयरों में निवेश बिजनेस टुडे के एडिटर सिद्धार्थ जराबी के साथ बाचतीच में कहा, आशीष चौहान ने कहा कि जब मैनें 1991-92 में ज्वाइन किया तो 10 लाख यूनिक इन्वेस्टर थे, लेकन अब 11 करोड़ शेयरों में निवेश करते हैं. लो पर कैपिटा इनकम वाले देश का कैपिटल मार्केट अच्छा नहीं होता, लेकिन भारत के बारे में कहें तो यहां छोटे निवेशक भी जमकर शेयरों में निवेश कर रहे हैं. अगर कोई पूछे कि आजादी के 78 साल में हमने राष्ट्र के लिए क्या कमाया, हमने अपने एंटरप्रोन्ययोर के लिए निवेशकों का भरोसा कमाया है. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी ने शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए प्रोसेस आसान किया है और इसका असर शेयर बाजार निवेशकों की संख्या पर देखने को मिला है.
विदेशी निवेशकों की फिर होगा वापसी विदेशी निवेशकों की बिकवाली और बाजार में उथल-पुथल पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि FII की बिकवाली नॉर्मल प्रक्रिया है. लोग प्रॉफिट कमाने के लिए बाजार पैसे कमाते हैं, आप-हम भी वहीं करते हैं. अब जब उन्हें प्रॉफिट हो रहा है तो वो थोड़ा पैसा निकाल रहे हैं. इसके अलावा वो इमरजिंग मार्केट में पैसे लगा रहे हैं, कुछ पैसा चीन के बाजार में गया है. लेकिन भारतीय बाजार अभी भी आकर्षक है, FII फिर वापस आएंगे.
विदेशी निवेशक क्यों भारत छोड़ रहे हैं? विदेशी निवेशक को कभी दूसरे मार्केट में अच्छा मौका देखते हैं. पिछले कुछ समय से यूएस मार्केट (US Market) में अच्छे संकेत मिले हैं, जिस कारण विदेशी निवेशक वहां गए. वहीं डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद टैरिफ और अन्य नितियों में बदलाव के बाद भी विदेशी निवेशकों का रुझान अमेरिका मार्केट में बढ़ा, जिस कारण विदेशी निवेशक भारत से अमेरिका में गए. इसी तरह, चीन में भी अच्छे कमाई के अवसर दिखने के बाद विदेशी निवेशकों को चीनी बाजार में आकर्षण बढ़ा.
विदेशी निवेशकों के भारतीय बाजार छोड़ने के पीछे के कारण बताते हुए एनएसई सीईओ ने कहा कि विदेशी निवेशकों को कभी दूसरे मार्केट में अच्छा मौका देखते हैं. पिछले कुछ समय से यूएस मार्केट में अच्छे संकेत मिले हैं, जिस कारण विदेशी निवेशक वहां गए. वहीं डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद टैरिफ और अन्य नितियों में बदलाव के बाद भी विदेशी निवेशकों का रुझान अमेरिकी मार्केट में बढ़ा, जिस कारण विदेशी निवेशक भारत से अमेरिका में गए. इसी तरह, चीन में भी अच्छे कमाई के अवसर दिखने के बाद विदेशी निवेशकों को चीनी बाजार में आकर्षण बढ़ा.
अनिश्चतताओं के बीच बढ़ा भरोसा एनएसई सीईओ ने आगे कहा कि अनिश्चितताओं के बीच भारतीय निवेशकों की रिस्क पावर बढ़ी है. तीन साल में जब बाजार डाउन गया, भारतीय रिटेल निवेशक 40 लाख करोड़ रुपये बनाए. 11 करोड़ निवेशक, एक महीने में 23 लाख निवेशक डेरिवेटिव ट्रेडिंग करते हैं. 88 फीसदी इक्विटी में निवेश कर रहे हैं. छोटे निवेशकों को मार्केट रेग्युलेटर सेबी की ओर से भी लगातार सुझाव और सलाह दिए जाते रहते हैं. इसके अलावा निवेशकों को राहत देने के लिए रेग्युलेटर द्वारा बीते कुछ सालों में कई अहम कदम उठाए गए हैं.

शेयर बाजार में पिछले एक हफ्ते में 27,00,000 करोड़ रुपए का उछाल आया है, जो पाकिस्तान की कुल अर्थव्यवस्था के लगभग बराबर है. 4 मार्च से 25 मार्च तक सेंसेक्स में 5000 पॉइंट्स की बढ़ोतरी हुई. इस उछाल के पीछे डॉलर के मुकाबले रुपए का मजबूत होना, विदेशी निवेश में वृद्धि, अर्थव्यवस्था का बेहतर प्रदर्शन, महंगाई दर का स्थिर होना और पॉज़िटिव मार्केट सेंटीमेंट हैं.

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (India Bullion And Jewellers Association) के मुताबिक, मगंलवार की शाम को 24 कैरेट का शुद्ध सोना 87751 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो आज (बुधवार) सुबह महंगा होकर 87798 रुपये पहुंच गया है. इसी तरह शुद्धता के आधार पर सोना और चांदी की कीमत में उछाल आया है. इससे पहले पिछले हफ्ते गुरुवार को सोने की कीमत में इजाफा हुआ था.

Ceinsys 2 खास सेगमेंट जियोस्पेशियल और ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग में है. जियोस्पेशियल का मतलब है वह काम जो गूगल मैप्स, ड्रोन कैप्चर, सैटेलाइट इमेजरी और बहुत कुछ जैसी चीजों के पीछे होता है, जबकि ऑटोमोटिव का मतलब है मुख्य रूप से ग्लोबल स्तर पर टॉप पायदान वाले ऑटो क्लाइंट के लिए डिजाइन का काम करता होता है.