
US-India Trade Talk: कृषि और डेयरी उत्पादों पर अमेरिका चाहता है कम टैरिफ, भारत की ये है डिमांड
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अमेरिका भारत से एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ को और कम करना चाहता है. अमेरिका ने एग्रीकल्चर सेक्टर में भारत के उच्च शुल्क का हवाला दिया है. हालांकि भारत ने कृषि, डेयरी सेक्टर्स को सस्ते आयात के लिए खोलने का विरोध किया है. वहीं भारत अमेरिका फूड प्रोडक्ट्स, मक्खन, मीट पर टैरिफ को कम करने के लिए कहा है.
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता जारी है. इस बीच, बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय कैबिनेट की बैठक दोपहर 1 बजे होने वाली है. इस बैठक में अधिकारी कैबिनेट को अमेरिकी व्यापार वार्ता के बारे में जानकारी दे सकते हैं. अमेरिका भारत से एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ को और कम करना चाहता है.
अमेरिका ने एग्रीकल्चर सेक्टर में भारत के उच्च शुल्क का हवाला दिया है. हालांकि भारत ने कृषि, डेयरी सेक्टर्स को सस्ते आयात के लिए खोलने का विरोध किया है. वहीं भारत अमेरिका फूड प्रोडक्ट्स, मक्खन, मीट पर टैरिफ को कम करने के लिए कहा है. भारत का औसत शुल्क 39% है, जबकि अमेरिका का 5% है. इससे पहले भारत का ट्रेड वेटेज औसत शुल्क 65% है, जबकि अमेरिका का 4% है.
इन चीजों पर टैरिफ घटा सकता है भारत अमेरिका भारत से टैरिफ कम करना चाहता है. जिसे लेकर भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है. कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत कुछ 4 से 5 प्रोडक्ट्स पर टैरिफ को कम कर सकता है. इसमें कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल्स और प्लास्टिक के अलावा विमान, पैराशूट और क्रूज शिप शामिल हैं. भारत इन चीजों पर 7.5 से 10 फीसदी तक शुल्क लगाता है.
दोनों देशों के बीच बन सकती है सहमति गौरतलब है कि भारत और अमेरिका के बीच 26 मार्च से व्यापार वार्ता जारी है, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापार और टैरिफ को लेकर चर्चा जारी है. कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि भारत कुछ प्रोडक्ट्स पर टैरिफ को कम कर सकता है. वहीं अमेरिका भी कुछ प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम होने पर राजी हो सकता है. 2 अप्रैल को अमेरिका भारत, कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ का ऐलान कर सकता है.
रेसिप्रोकल टैरिफ से बच सकता है भारत कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि भारत की ओर से टैरिफ में कटौती करने के बाद अमेरिका भी भारत को रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट दे सकता है और सिर्फ कुछ ही सेक्टर्स पर टैरिफ का ऐलान कर सकता है. हालांकि यह स्थिति 2 अप्रैल को स्पष्ट हो सकती है.