Ashadha Maas 2024: आज से शुरू हो रहा है आषाढ़ का महीना, जानें इस माह की खास महिमा
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Ashadha Maas 2024: आषाढ़ मास को हिंदू कैलेंडर के अनुसार चौथा मास माना गया है. इस बार आषाढ़ मास 23 जून आज से शुरू हो रहा है और यह 21 जुलाई तक रहेगा. ये महीना तीर्थ यात्रा करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है. साथ ही इस माह में दान करना सबसे शुभ माना जाता है.
Ashadha Maas 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ का महीना चौथा महीना होता है. इस महीने भगवान सूर्य की विशेष रूप से पूजा-आराधना करने के साथ मंगलदेव की पूजा करने की परंपरा है. इसके अलावा आषाढ़ का महीना भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा और समर्पण का महीना होता है. ये संधिकाल का महीना है. इसी महीने से वर्षा ऋतु की शुरुआत भी होती है. इसी महीने में रोगों का संक्रमण सर्वाधिक होता है. इस महीने से वातावरण में थोड़ी सी नमी आनी शुरू हो जाती है. इस महीने को कामना पूर्ति का महीना भी कहा जाता है. इस बार आषाढ़ मास 23 जून यानी आज से शुरू हो रहा है और समापन 21 जुलाई तक रहेगा.
आषाढ़ माह में करें इनकी उपासना
आषाढ़ के महीने में फलदायी उपासना अपने गुरु की होती है. इसके अलावा, देवी मां की उपासना की जाती है. श्री हरि विष्णु की उपासना से भी संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है. इस महीने में जल देव की उपासना से धन की प्राप्ति सरल हो जाती है. इस महीने में मंगल और सूर्य की उपासना अवश्य करें. ताकि ऊर्जा का स्तर बना रहे.
दान का विशेष महत्व (Daan Significance in ashadha maas)
आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. ये महीना तीर्थ यात्रा करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है. इस महीने में दान और ध्यान दोनों का महत्व होता है. नमक, तांबा, कांसा, मिट्टी का पात्र, गेहूं, गुड़, चावल, तिल दान करना शुभ माना जाता है.
आषाढ़ माह में खान-पान की इन चीजों का रखें ध्यान
Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति का त्योहार धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. पुराणों के अनुसार, इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से मिलने आते हैं, जो मकर राशि के स्वामी हैं. यह त्योहार पिता और पुत्र के बीच एक स्वस्थ रिश्ते का प्रतीक है. मकर संक्रांति भगवान विष्णु की असुरों पर विजय के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है. इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी.
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