Ahmad Massoud ने पंजशीर पर कब्जे को किया खारिज, कहा- तालिबान की मदद कर रहा पाकिस्तान
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NRF लीडर अहमद मसूद (Ahmad Massoud) ने 19 मिनट का एक ऑडियो जारी किया है जिसमें वह पंजशीर में पाकिस्तान और तालिबान द्वारा बमबारी की पुष्टि करते हैं तालिबान के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया है.
काबुल: तालिबान (Taliban) पंजशीर घाटी (Panjshir) पर कब्जे का दावा कर रहा है तो रेजिस्टेंस फोर्स के नेता अहमद मसूद (Ahmad Massoud) ने इसके खारिज कर दिया है. अहमद मसूद ने अपने फेसबुक पेज पर एक ऑडियो मैलेज शेयर करते हुए कहा, नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स (NRF) अभी भी पंजशीर में मौजूद है और तालिबानी लड़ाकों से लड़ना जारी रहेगा. पंजशीर में शहीदों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए अहमद मसूद (Ahmad Massoud) ने कहा, पाकिस्तान (Pakistan) ने पंजशीर (Panjshir) में सीधे अफगानों पर हमला किया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय चुपचाप देखता रहा. मसूद का कहना है कि वह खून की आखिरी बूंद तक हार नहीं मानेंगे. तालिबान पर पाक की मदद से बर्बर हमले के आरोप हैं. मसूद ने कहा, रेजिस्टेंस फोर्स अभी भी पंजशीर में मौजूद है और तालिबान बलों से लडाई जरी है.इजरायल और हमास के बीच सीजफायर पर सहमति बनी है. रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों पक्ष युद्धविराम और बंधक समझौते को फाइनल कर चुके हैं. शुक्रवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक्स पर लिखा, वार्ता दल ने पीएम को बताया कि बंधकों की रिहाई के लिए समझौते पर सहमति बन गई है. इस बारे में बंधकों के परिवार को जानकारी दे दी गई है.
ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को इजरायल और हमास के बीच 'बहु प्रतीक्षित' युद्धविराम समझौते का स्वागत किया. हालांकि दोनों पक्ष अनिश्चितताओं से भरे इस समझौते को अंतिम रूप देने में लगे हैं, जिसमें फलस्तीनी कैदियों के बदले इजरायली बंधकों की अदला-बदली और पहले चरण में गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी की शुरुआत शामिल होने की उम्मीद है.
बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन ने रविवार को विदेश मंत्रालय में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के साथ बैठक के दौरान हाल के सीमा तनाव को लेकर बांग्लादेश की ओर से 'गहरी चिंता' जताई. सरकारी समाचार एजेंसी 'BSS' ने पहले अपनी खबर में बताया था कि वर्मा को विदेश मंत्रालय ने सीमा पर बढ़ते तनाव पर चर्चा करने के लिए 'तलब' किया था.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा कि स्थिर वैश्विक वृद्धि के बावजूद 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 'थोड़ा कमजोर' रहने की आशंका है. जॉर्जीवा ने कहा कि उन्हें इस साल दुनिया में मुख्य रूप से अमेरिका की व्यापार नीति को लेकर काफी अनिश्चितता नजर आने की संभावना दिख रही है.