'हमलावरों को ढूंढ-ढूंढकर मारेंगे', बाइडेन के इस ऐलान का मतलब क्या है? क्या अफगानिस्तान में रुकने जा रहा है US
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राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 11 सितंबर से पहले किसी भी कीमत पर सभी सैनिकों को वापस बुलाने की बात कही थी, लेकिन अब काबुल में हुए आतंकी हमले में कई अमेरिकी सैनिकों की जान चली गई है. जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति को अपने ही फैसले और प्लान पर फिर से विचार करना पड़ सकता है.
अफगानिस्तान (Afghanistan) से 31 अगस्त तक अपनी सेना वापसी का ऐलान कर चुके अमेरिका (America) के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है. राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने 11 सितंबर से पहले किसी भी कीमत पर सभी सैनिकों को वापस बुलाने की बात कही थी, लेकिन अब काबुल में हुए आतंकी हमले में कई अमेरिकी सैनिकों की जान चली गई है. जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति को अपने ही फैसले और प्लान पर फिर से विचार करना पड़ सकता है. काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर हुए सीरियल ब्लास्ट में एक दर्जन से अधिक अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई है, जो एयरपोर्ट को कंट्रोल किए हुए थे. इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश को संबोधित किया और आतंकियों को चुनौती देते हुए कहा कि हमला करने वालों को ढूंढ-ढूंढकर मारेंगे, किसी को छोड़ेंगे नहीं. ऐसे में अब ये भी सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या अमेरिका (America) ने एक बार फिर 31 अगस्त के बाद भी अफगानिस्तान में रुकने का मन बना लिया है, क्योंकि अब सिर्फ रेस्क्यू ऑपरेशन की बात नहीं है अब बात बदला लेने तक पहुंच गई है. हम तुम्हें भूलेंगे नहीं, हम कभी नहीं भूलेंगे. हम तुम्हें ढूंढेंगे और इस हमले की सज़ा देंगे.महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.