हजारों खर्च कर खरीदे जवान लड़कियों के बदबूदार मोजे, फिर करने लगा ऐसी हरकत
Zee News
Weird News: शख्स ने बताया कि वो गंदे मोजे के लिए लोगों के नजरिए को बदलना चाहता है. वो बदबूदार मोजे को सूंघता है और टेस्ट करने के लिए उसे मुंह में रख लेता है.
लंदन: आपने लोगों की कई अजीबोगरीब आदतों के बारे में सुना होगा. लेकिन ये खबर आपको जरूर हैरान कर देगी. यूनाइटेड किंगडम (UK) के हल (Hull) शहर में एक ऐसा शख्स रहता है जो लड़कियों के गंदे और बदबूदार मोजे खरीदता है. शख्स ने कहा कि लड़कियों के गंदे मोजे उसे बहुत आकर्षित करते हैं. शख्स ने अपनी पहचान नहीं बताई है. उसने मिस्टर डी के नाम से ये सारी जानकारी दी है. द मिरर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, शख्स ने कबूल किया है कि वो महीने में 200 यूरो यानी करीब 17,338 रुपये लड़कियों के गंदे और बदबूदार मोजे खरीदने में खर्च कर देता है. उसे लोगों के गंदे पैर और मोजे बहुत पसंद हैं. उसने आगे कहा कि उसकी दिमागी हालत पूरी तरह से ठीक है. वो दूसरों की तरह ही एक नॉर्मल इंसान है.इजरायल और हमास के बीच सीजफायर पर सहमति बनी है. रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों पक्ष युद्धविराम और बंधक समझौते को फाइनल कर चुके हैं. शुक्रवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक्स पर लिखा, वार्ता दल ने पीएम को बताया कि बंधकों की रिहाई के लिए समझौते पर सहमति बन गई है. इस बारे में बंधकों के परिवार को जानकारी दे दी गई है.
ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को इजरायल और हमास के बीच 'बहु प्रतीक्षित' युद्धविराम समझौते का स्वागत किया. हालांकि दोनों पक्ष अनिश्चितताओं से भरे इस समझौते को अंतिम रूप देने में लगे हैं, जिसमें फलस्तीनी कैदियों के बदले इजरायली बंधकों की अदला-बदली और पहले चरण में गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी की शुरुआत शामिल होने की उम्मीद है.
बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन ने रविवार को विदेश मंत्रालय में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के साथ बैठक के दौरान हाल के सीमा तनाव को लेकर बांग्लादेश की ओर से 'गहरी चिंता' जताई. सरकारी समाचार एजेंसी 'BSS' ने पहले अपनी खबर में बताया था कि वर्मा को विदेश मंत्रालय ने सीमा पर बढ़ते तनाव पर चर्चा करने के लिए 'तलब' किया था.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा कि स्थिर वैश्विक वृद्धि के बावजूद 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 'थोड़ा कमजोर' रहने की आशंका है. जॉर्जीवा ने कहा कि उन्हें इस साल दुनिया में मुख्य रूप से अमेरिका की व्यापार नीति को लेकर काफी अनिश्चितता नजर आने की संभावना दिख रही है.