स्पीकर के फैसले से न सिर्फ उद्धव गुट बल्कि अजित पवार गुट के आरमानों पर भी फिर गया पानी!
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शिवसेना विधायकों की अयोग्यता से जुड़े मामले में स्पीकर के फैसले से न सिर्फ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े को बड़ा झटका लगा है, बल्कि अजित पवार गुट के अरमानों पर भी पानी फिर गया है. जानिए कैसे?
महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता से जुड़े आवेदनों पर फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर को 10 जनवरी तक अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला लेने के लिए कहा था. स्पीकर ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को ही असली शिवसेना माना है.
स्पीकर ने विधायकों की अयोग्यता से जुड़े सभी आवेदन भी खारिज कर दिए हैं और साफ कहा है कि विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के लिए कोई उचित आधार नहीं है. स्पीकर के इस फैसले से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े की शिवसेना का नाम-निशान पाने की रही-सही उम्मीदों को भी बड़ा झटका लगा है. वहीं, इससे अजित पवार गुट के अरमानों पर भी पानी फिर गया है.
शिवसेना विधायक अयोग्य होते तो अजित के हाथ आ जाती सत्ता की चाबी
दरअसल, शिवसेना विधायकों की अयोग्यता से जुड़े मामले में एकनाथ शिंदे गुट के विधायक अगर अयोग्य करार दे दिए जाते तो महाराष्ट्र विधानसभा का पूरा अंकगणित बदल जाता, समीकरण बदल जाते. बदले समीकरणों में अजित पवार के हाथ सत्ता की चाबी आ जाती. शिंदे गुट के 16 विधायक अयोग्य करार दे दिए जाते तो महाराष्ट्र विधानसभा में सदस्यों की संख्या 286 से घटकर 270 रह जाती.
ऐसे में बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 136 सीटों का होता. सत्ताधारी एनडीए का संख्याबल फिलहाल 185 है लेकिन शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता के बाद यह 169 रह जाता और इसमें 41 अजित गुट के विधायक हैं. अजित गुट के विधायकों की संख्या हटा दें तो बीजेपी और शिवसेना गठबंधन की गाड़ी नंबरगेम के गणित में बहुमत के लिए जरूरी 136 की जगह 128 विधायकों पर ही आकर रूक जाती.
बढ़ जाती अजित पवार की बारगेन पावर
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